Monday 14 June 2021

Kejriwal man of his words



केजरीवाल गलत नहीं कह रहा है...

नए कृषि कानून के विरोध में केजरीवाल और उसका पूरा AAP गैंग दावा कर रहा है कि इस कानून से किसानों की जमीन पर अडानी अम्बानी का क़ब्ज़ा कराने की साजिश प्रधानमंत्री मोदी कर रहे हैं.

केजरीवाल के इस दावे पर मुझे बिल्कुल आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि गोस्वामी तुलसीदास सैकड़ों वर्ष पूर्व ही लिख गए हैं कि...

"जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी." 

यही कारण है कि जमीन हड़पने की साजिश के अलावा केजरीवाल को कुछ और सूझ भी नहीं सकता. जमीन हड़प लेने के गोरखधंधे का पाठ उसने अपने बाप से अपने घर में ही पढ़ा और सीखा है. जमीन हड़पने का उसका अनुभव खानदानी है.

जिनको याद नहीं हो उन्हें याद दिला दूं कि अरविंद केजरीवाल की बुआ , फ़ूफा और भतीजे ने अरविंद केजरीवाल के घर के सामने 9 मार्च 2014 को सपरिवार धरना दिया था. लेकिन केजरीवाल के सुरक्षा कर्मियों और AAP के गुंडों ने उन्हें खदेड़ दिया था. उस समय अरविंद केजरीवाल की सगी बुआ सीता देवी का परिवार बहादुरगढ़ की अनाज मंडी में रहता था और परिवार की माली हालत बेहद खस्ता थी. सीता देवी का बेटा रामबिलास खली-बिनौले और चावल आदि की छोटी दुकान चलाता था लेकिन इससे परिवार का गुजारा नहीं चलता था. सीता देवी के परिवार ने अरविंद केजरीवाल के बाप गोविंदराम पर यह गम्भीर आरोप लगाया था कि गोविंदराम ने रेवेन्यू रिकार्ड में अपनी बहन सीता देवी को अपने पिता की पत्नी यानी अपनी मां लिखवाकर अपनी बहन की कीमती जमीन हड़प ली है. परिवार ने बताया था कि अरविंद केजरीवाल की बुआ सीता देवी ने 28 अप्रैल 2006 को भिवानी जिले के गांव सिवानी मंडी स्थित अपनी करीब 16000 गज जमीन की पॉवर ऑफ अटार्नी अपने भाई यानी अरविंद के पिता गोविंदराम के नाम करा दी थी. लेकिन राम बिलास के अनुसार अरविंद केजरीवाल के बाप गोविंदराम ने इस अधिकार का दुरुपयोग करते हुए बहन सीतादेवी की सारी जमीन अपने नाम करा ली. बकौल रामबिलास, उन्हें पता लगा कि गोविंदराम ने रेवेन्यू रिकार्ड में अपनी बहन सीतादेवी को अपनी मां बताकर जमीन हड़प ली. यानी ये जमीन गोविंद राम की मां (असलियत में बेटी) के नाम आ गई, जिससे उसके मालिकाना अधिकार गोविंद राम के हो गए. अरविंद केजरीवाल की सगी बुआ सीता देवी का गरीब बेटा राम बिलास इस जमीन को हासिल करने के लिए अरविंद केजरीवाल के पिता यानी अपने मामा के साथ उस समय तक कई साल से अदालत में लड़ाई लड़ रहा था. आज उस मामले की क्या स्थिति है यह पता नहीं क्योंकि केजरीवाल के विज्ञापनों के बोझ से लदी दिल्ली की मीडिया और न्यूजचैनलों ने केजरीवाल के बाप गोविंद राम की उस करतूत पर पिछले छह साल से मुर्दों की तरह चुप्पी साध ली है.

आज अपनी पोस्ट की शुरुआत मैंने इसीलिए यह लिख कर की है कि... केजरीवाल गलत नहीं कह रहा है...

दरअसल केजरीवाल जमीन पर कब्जे के अलावा कुछ और सोच ही नहीं सकता है.


 




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