Thursday 5 November 2020

हलाहल विष

हलाहल विष के समान कड़वी बात... हिंदू पुरुषों को धिक्कार है ! 

#करवाचौथ

-  अगर मैं ये सवाल करूं कि क्या ऐसा संभव है कि किसी पुरुष के सामने उसकी पत्नी को कोई अन्य पुरुष स्पर्श करे और वो पति चुपचाप खड़ा देखता रहे ? तो आपका जवाब होगा ऐसा कैसे हो सकता है ? लेकिन ऐसा ही हो रहा है । बल्कि पुरुष बच्चों को गोद में लेकर खड़े हैं पूरा सहयोग कर रहे हैं ताकी उनकी पत्नियों को कोई अन्य पुरुष आसानी से स्पर्श कर सके । 

- शायद आपको आश्चर्य हो रहा होगा लेकिन आज करवाचौथ के दिन पूरे देश में यही हो रहा है.. यही हो रहा होगा । करवाचौथ पति की लंबी आयु के लिए रखा गया व्रत है । लेकिन सती सावित्री स्त्रियाँ इसी दिन दूसरे पुरुषों से मेकअप करवाती है और मेहंदी भी लगवाती हैं । परपुरुष का स्पर्श करना... क्या यही सती सावित्री होने का धर्म है ? पहले तो परपुरुष को देखना भी पाप था ? ज़माना आधुनिक हो गया है फिर भी कुछ तो मर्यादा होनी चाहिए । 

- और मेकअप करने वाले, मेहंदी लगाने वाले और सूट, ब्लाउज़, तमाम अंत: वस्त्रों के नाप लेने वाला कोई सलीम, कोई जावेद और कोई शहनाज़ होगा । लेकिन हिंदू पुरुष अपना पुरुषत्व भूल चुके हैं । अपनी पत्नियों के गुलाम हो चुके हैं । भेड़ चाल चलते हैं । वो ये भी नहीं पूछते हैं कि जो पुरुष उनकी पत्नी को मेहंदी लगा रहा है वो कौन है ? जो पुरुष उनकी पत्नी का मेकअप करने आया है उसका नाम क्या है ? ऐसे मूर्ख पुरुषत्व हीन पुरुषों की पत्नियों को बगदादी चूड़ी पहनाकर जा सकता है... ओसामा मेहंदी लगाकर ग़ायब हो सकता है । और ये कापुरुष पूरे दिन स्पेशल होने का अहसास लिये मूर्ख बनते रहेंगे  कि हमारे लिए व्रत रखा गया है ।

- कुछ लोग सोचेंगे कि मैं दकियानूसी बातें कर रहा हूं । लेकिन अगर बायलॉजी यानी जीव विज्ञान की भाषा में कहें तो अगर स्त्रियों को पुरुष स्पर्श करते हैं तो हो सकता है कि स्त्रियों के सेक्सुअल हार्मोन्स एक्टिव होने में पंद्रह मिनट से आधे घंटे का समय लगे लेकिन पुरुषों के सैक्सुअल हार्मोंस तो सेकेंड भर में एक्टिव हो जाते हैं । तो फिर सवाल ये है कि आखिर पढ़े लिखे हिंदू पुरुष अपनी पत्नियों को परपुरुषों के हाथों में ऐसे कैसे सौंप सकते हैं ? 

- अगर धर्म के दृष्टिकोण से देखें तो भी तमाम धर्मग्रंथों में ये बात कही गई है कि मां को अपने बेटे के साथ... और भाई को अपनी बहन के साथ भी एकांतवास नहीं करना चाहिए । 

ये बात मनुस्मृति में भी भली भाँति स्पष्ट है कि स्त्रियों को परपुरुषों के साथ एकांतवास नहीं करना चाहिए चाहे भाई और पुत्र ही क्यों ना हो । फिर आखिर करवाचौथ के दिन ही हिंदू मूर्ख पुरुष अपनी पत्नी का हाथ दूसरे पुरुषों के हाथ में कैसे देख लेते हैं ? ये समझ से परे है । 

- या फिर क्या हिंदू  पुरुष ‘कुकोल्ड’  होते जा रहे हैं ? 

- सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि विधर्मियों ने हर उस पेशे में अपनी जड़ें गहरी कर ली हैं जहां उनका हिंदू लड़कियों से संपर्क स्थापित होने का मौका बन जाए । जैसे.. मेहंदी लगाने का काम, टेलर का काम, जिम ट्रेनर, मसाज पार्लर, कॉस्मेटिक्स । ये सब लव जिहाद को बढ़ावा देने के लिए सुनियोजित तरीक़े से किया जा रहा है । इसके लिये विधर्मियों का पूरा नेटवर्क ट्रेन्ड तरीके से लगा हुआ है । 

- आप सोचिए... अचानक ऐसा कैसे हो गया है ? कि हर दर्ज़ी विधर्मी ही मिलता है... हर मेहंदी लगाने वाला विधर्मी ही होता है.... हर मेकअप आर्टिस्ट विधर्मी ही होता है... अगर कोई आपको अपना नाम हिंदू बताता है तो आप उसे सच मान लेते हैं ? क्या आधार कार्ड देखकर चेक करते हैं ? इसके पीछे पूरी प्लानिंग है ।

-5 साल पहले मेरे एक मित्र देवेंद्र सिकरवार ने अपनी फेसबुक पोस्ट में ये भविष्यवाणी कर दी थी कि अब जिम के पेशे में विधर्मी जड़ें जमायेंगे और आज देखिए हर दूसरा तीसरा जिम ट्रेनर विधर्मी है ।  

- ये जिम ट्रेनर करोड़पति महिलाओं को ट्रेनिंग देते देते उनके करीब चले जाते हैं उनके वीडियो बना लेते हैं फिर उन्हें ब्लैकमेल करते हैं । ऐसा ही एक केस ग्वालियर में हुआ जब करोड़पति पति-पत्नी ने सुसाइड कर लिया । 

- अब मैं हिंदू पुरुषों से सीधे बात करना चाहता हूं.. भाई क्या ग़ैरत खत्म हो गई है ? किसी विधर्मी स्त्री को देखा किसी हिंदू टेलर से कपड़े सिलवाते हुए... मेहंदी लगवाते हुए..

मेकअप करवाते हुए । जो विधर्मी अपनी बेटियों के हिंदू आशिक़ों को मौत के घाट उतार देते हैं वो क्या हिंदुओं से इस तरह की अंतरंग सेवाएं लेते होंगे तो जरा विचार करो तुम्हारे ही पैसे से तुम्हारी ही बीवी से कोई मलेच्छ क्षणिक और सीमित अय्याशी तुम्हारे सामने ही करके चला जाता है और तुम टुकुर-टुकुर देखते रहते हो और फिर ये भी कहते हो कि भई... लव जिहाद हो गया  ! लव जिहाद हो जाता है क्योंकि लव जिहाद होने दिया जाता है । 

- मुझे पता है करवाचौथ में भूखी प्यासी महिलाओं को ये पोस्ट बिलकुल भी पसंद नहीं आएगी । उन्हें मैं स्त्री विरोधी भी दिखूंगा । लेकिन अगर उनके ही सामने उनके पति को कोई अन्य स्त्री स्पर्श करे तो उनकी दशा क्या होगी ? ये बताने की जरूरत भी नहीं है । 

- तो अगर करवाचौथ के दिन कोई पुरुष अपनी पत्नी की इस तरह के अधार्मिक और पापपूर्ण कृत्यों में भागीदार बन रहा है तो फ़ौरन उसे रोके और पुरुषत्व दिखाए.. कापुरुष बनकर पत्नी का गुलाम बनकर जीना.... सरकारी पति बनकर जीना... अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है ।  

- विधर्मी फ्री में सेवा दे तो भी अस्वीकार कर दो.. यही सही मार्ग है । 

(जो लोग मेरे साथ फेसबुक के माध्यम से जुड़े हुए हैं ये पोस्ट उनकी तरफ इशारा बिलकुल भी नहीं हैं वो बहुत समझदार हैं इसीलिए साथ खड़े हैं । उनको तो इन बातों की जानकारी है ही, लेकिन अब उनसे मेरी ये प्रार्थना है कि इस पोस्ट को शेयर करें

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