Friday 31 March 2017

नवदुर्गा

*नवदुर्गा: नौ रूपों में स्त्री जीवन का पूर्ण बिम्ब..👇*

*एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा केनौ स्वरूप।*

1. जन्म ग्रहण करती हुई कन्या *"शैलपुत्री"* स्वरूप है।

2. कौमार्य अवस्था तक *"ब्रह्मचारिणी"* का रूप है।

3. विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह *"चंद्रघंटा"* समान है।

4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह *"कूष्मांडा"* स्वरूप में है।

5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री *"स्कन्दमाता"* हो जाती है।

6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री *"कात्यायनी"* रूप है।

7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह *"कालरात्रि"* जैसी है।

8. संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से *"महागौरी"* हो जाती है।

9. धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार में अपनी संतान को सिद्धि(समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली *"सिद्धिदात्री"* हो जाती है।
          💐 

सौ पुत्र

पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं -
1. युधिष्ठिर    2. भीम    3. अर्जुन
4. नकुल।      5. सहदेव

( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है )

यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन
की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी ।

वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र…..
कौरव कहलाए जिनके नाम हैं -
1. दुर्योधन      2. दुःशासन   3. दुःसह
4. दुःशल        5. जलसंघ    6. सम
7. सह            8. विंद         9. अनुविंद
10. दुर्धर्ष       11. सुबाहु।   12. दुषप्रधर्षण
13. दुर्मर्षण।   14. दुर्मुख     15. दुष्कर्ण
16. विकर्ण     17. शल       18. सत्वान
19. सुलोचन   20. चित्र       21. उपचित्र
22. चित्राक्ष     23. चारुचित्र 24. शरासन
25. दुर्मद।       26. दुर्विगाह  27. विवित्सु
28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ
31. नन्द।        32. उपनन्द   33. चित्रबाण
34. चित्रवर्मा    35. सुवर्मा    36. दुर्विमोचन
37. अयोबाहु   38. महाबाहु  39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल41. भीमवेग  42. भीमबल
43. बालाकि    44. बलवर्धन 45. उग्रायुध
46. सुषेण       47. कुण्डधर  48. महोदर
49. चित्रायुध   50. निषंगी     51. पाशी
52. वृन्दारक   53. दृढ़वर्मा    54. दृढ़क्षत्र
55. सोमकीर्ति  56. अनूदर    57. दढ़संघ 58. जरासंघ   59. सत्यसंघ 60. सद्सुवाक
61. उग्रश्रवा   62. उग्रसेन     63. सेनानी
64. दुष्पराजय        65. अपराजित 
66. कुण्डशायी        67. विशालाक्ष
68. दुराधर   69. दृढ़हस्त    70. सुहस्त
71. वातवेग  72. सुवर्च    73. आदित्यकेतु
74. बह्वाशी   75. नागदत्त 76. उग्रशायी
77. कवचि    78. क्रथन। 79. कुण्डी 
80. भीमविक्र 81. धनुर्धर  82. वीरबाहु
83. अलोलुप  84. अभय  85. दृढ़कर्मा
86. दृढ़रथाश्रय    87. अनाधृष्य
88. कुण्डभेदी।     89. विरवि
90. चित्रकुण्डल    91. प्रधम
92. अमाप्रमाथि    93. दीर्घरोमा
94. सुवीर्यवान     95. दीर्घबाहु
96. सुजात।         97. कनकध्वज
98. कुण्डाशी        99. विरज
100. युयुत्सु

( इन 100 भाइयों के अलावा कौरवों की एक बहनभी थी… जिसका नाम""दुशाला""था,
जिसका विवाह"जयद्रथ"सेहुआ था )

"श्री मद्-भगवत गीता"के बारे में-

ॐ . किसको किसने सुनाई?
उ.- श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई। 

ॐ . कब सुनाई?
उ.- आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

ॐ. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ.- रविवार के दिन।

ॐ. कोनसी तिथि को?
उ.- एकादशी 

ॐ. कहा सुनाई?
उ.- कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

ॐ. कितनी देर में सुनाई?
उ.- लगभग 45 मिनट में

ॐ. क्यू सुनाई?
उ.- कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

ॐ. कितने अध्याय है?
उ.- कुल 18 अध्याय

ॐ. कितने श्लोक है?
उ.- 700 श्लोक

ॐ. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ.- ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है। 

ॐ. गीता को अर्जुन के अलावा 
और किन किन लोगो ने सुना?
उ.- धृतराष्ट्र एवं संजय ने

ॐ. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ.- भगवान सूर्यदेव को

ॐ. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ.- उपनिषदों में

ॐ. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ.- गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

ॐ. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ.- गीतोपनिषद

ॐ. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना

ॐ. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ.- श्रीकृष्ण जी ने- 574
अर्जुन ने- 85 
धृतराष्ट्र ने- 1
संजय ने- 40.

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद

अधूरा ज्ञान खतरना होता है।

33 करोड नहीँ  33 कोटी देवी देवता हैँ हिँदू
धर्म मेँ।

कोटि = प्रकार। 
देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते है,

कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता।

हिन्दू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए ये बात उडाई गयी की हिन्दुओ के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं...

कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिँदू धर्म मे :-

12 प्रकार हैँ
आदित्य , धाता, मित, आर्यमा,
शक्रा, वरुण, अँश, भाग, विवास्वान, पूष,
सविता, तवास्था, और विष्णु...!

8 प्रकार हे :-
वासु:, धर, ध्रुव, सोम, अह, अनिल, अनल, प्रत्युष और प्रभाष।

11 प्रकार है :- 
रुद्र: ,हर,बहुरुप, त्रयँबक,
अपराजिता, बृषाकापि, शँभू, कपार्दी,
रेवात, मृगव्याध, शर्वा, और कपाली।

एवँ
दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार।

कुल :- 12+8+11+2=33 कोटी 

अगर कभी भगवान् के आगे हाथ जोड़ा है
तो इस जानकारी को अधिक से अधिक
लोगो तक पहुचाएं। ।

🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
१ हिन्दु हाेने के नाते जानना ज़रूरी है

This is very good information for all of us ... जय श्रीकृष्ण ...

अब आपकी बारी है कि इस जानकारी को आगे बढ़ाएँ ......

अपनी भारत की संस्कृति 
को पहचाने.
ज्यादा से ज्यादा
लोगो तक पहुचाये. 
खासकर अपने बच्चो को बताए 
क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...

📜😇  दो पक्ष-

कृष्ण पक्ष , 
शुक्ल पक्ष !

📜😇  तीन ऋण -

देव ऋण , 
पितृ ऋण , 
ऋषि ऋण !

📜😇   चार युग -

सतयुग , 
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग , 
कलियुग !

📜😇  चार धाम -

द्वारिका , 
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी , 
रामेश्वरम धाम !

📜😇   चारपीठ -

शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ) 
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) , 
शृंगेरीपीठ !

📜😇 चार वेद-

ऋग्वेद , 
अथर्वेद , 
यजुर्वेद , 
सामवेद !

📜😇  चार आश्रम -

ब्रह्मचर्य , 
गृहस्थ , 
वानप्रस्थ , 
संन्यास !

📜😇 चार अंतःकरण -

मन , 
बुद्धि , 
चित्त , 
अहंकार !

📜😇  पञ्च गव्य -

गाय का घी , 
दूध , 
दही ,
गोमूत्र , 
गोबर !

📜😇  पञ्च देव -

गणेश , 
विष्णु , 
शिव , 
देवी ,
सूर्य !

📜😇 पंच तत्त्व -

पृथ्वी ,
जल , 
अग्नि , 
वायु , 
आकाश !

📜😇  छह दर्शन -

वैशेषिक , 
न्याय , 
सांख्य ,
योग , 
पूर्व मिसांसा , 
दक्षिण मिसांसा !

📜😇  सप्त ऋषि -

विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज , 
गौतम , 
अत्री , 
वशिष्ठ और कश्यप! 

📜😇  सप्त पुरी -

अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी , 
माया पुरी ( हरिद्वार ) , 
काशी ,
कांची 
( शिन कांची - विष्णु कांची ) , 
अवंतिका और 
द्वारिका पुरी !

📜😊  आठ योग - 

यम , 
नियम , 
आसन ,
प्राणायाम , 
प्रत्याहार , 
धारणा , 
ध्यान एवं 
समािध !

📜😇 आठ लक्ष्मी -

आग्घ , 
विद्या , 
सौभाग्य ,
अमृत , 
काम , 
सत्य , 
भोग ,एवं 
योग लक्ष्मी !

📜😇 नव दुर्गा --

शैल पुत्री , 
ब्रह्मचारिणी ,
चंद्रघंटा , 
कुष्मांडा , 
स्कंदमाता , 
कात्यायिनी ,
कालरात्रि , 
महागौरी एवं 
सिद्धिदात्री !

📜😇   दस दिशाएं -

पूर्व , 
पश्चिम , 
उत्तर , 
दक्षिण ,
ईशान , 
नैऋत्य , 
वायव्य , 
अग्नि 
आकाश एवं 
पाताल !

📜😇  मुख्य ११ अवतार -

 मत्स्य , 
कच्छप , 
वराह ,
नरसिंह , 
वामन , 
परशुराम ,
श्री राम , 
कृष्ण , 
बलराम , 
बुद्ध , 
एवं कल्कि !

📜😇 बारह मास - 

चैत्र , 
वैशाख , 
ज्येष्ठ ,
अषाढ , 
श्रावण , 
भाद्रपद , 
अश्विन , 
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष , 
पौष , 
माघ , 
फागुन !

📜😇  बारह राशी - 

मेष , 
वृषभ , 
मिथुन ,
कर्क , 
सिंह , 
कन्या , 
तुला , 
वृश्चिक , 
धनु , 
मकर , 
कुंभ , 
मीन!

📜😇 बारह ज्योतिर्लिंग - 

सोमनाथ ,
मल्लिकार्जुन ,
महाकाल , 
ओमकारेश्वर , 
बैजनाथ , 
रामेश्वरम ,
विश्वनाथ , 
त्र्यंबकेश्वर , 
केदारनाथ , 
घुष्नेश्वर ,
भीमाशंकर ,
नागेश्वर !

📜😇 पंद्रह तिथियाँ - 

प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी , 
पंचमी , 
षष्ठी , 
सप्तमी , 
अष्टमी , 
नवमी ,
दशमी , 
एकादशी , 
द्वादशी , 
त्रयोदशी , 
चतुर्दशी , 
पूर्णिमा , 
अमावास्या !

📜😇 स्मृतियां - 

मनु , 
विष्णु , 
अत्री , 
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना , 
अंगीरा , 
यम , 
आपस्तम्ब , 
सर्वत ,
कात्यायन , 
ब्रहस्पति , 
पराशर , 
व्यास , 
शांख्य ,
लिखित , 
दक्ष , 
शातातप , 
वशिष्ठ !

******************* * ऋषिकेश सिंह बिट्टू ***

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Wednesday 29 March 2017

रामायण कृष्ण भागवत

क्या ऐसा सम्भव है कि किसी ग्रन्थ को सीधा पढ़ें तो रामायण की कथा पढ़ी जाए और जब उसी ग्रन्थ में लिखे शब्दों को उल्टा करके पढ़े तो कृष्ण भागवत की कथा सुनाई दे।

जी हां, कांचीपुरम के 17वीं शती के कवि वेंकटाध्वरि रचित ग्रन्थ 'राघवयादवीयम् ' ऐसा ही एक अद्भुत ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ को ‘अनुलोम-विलोम काव्य’ भी कहा जाता है।

पूरे ग्रन्थ में केवल 30 श्लोक हैं। इन श्लोकों को सीधे-सीधे पढ़ते जाएँ, तो रामकथा बनती है और विपरीत (उल्टा) क्रम में पढ़ने पर कृष्णकथा। 
इस प्रकार हैं तो केवल 30 श्लोक, लेकिन कृष्णकथा के भी 30 श्लोक जोड़ लिए जाएँ तो बनते हैं 60 श्लोक। पुस्तक के नाम से भी यह प्रदर्शित होता है, राघव (राम) + यादव (कृष्ण) के चरित को बताने वाली गाथा है राघवयादवीयम। उदाहरण के तौर पर पुस्तक का पहला श्लोक हैः

वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः ।
रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥

अर्थातः मैं उन भगवान श्रीराम के चरणों में प्रणाम करता हूं जो जिनके ह्रदय में सीताजी रहती है तथा जिन्होंने अपनी पत्नी सीता के लिए सहयाद्री की पहाड़ियों से होते हुए लंका जाकर रावण का वध किया तथा वनवास पूरा कर अयोध्या वापिस लौटे।

विलोमम्
सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः ।
यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥

अर्थातः मैं रूक्मिणी तथा गोपियों के पूज्य भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में प्रणाम करता हूं जो सदा ही मां लक्ष्मी के साथ विराजमान है तथा जिनकी शोभा समस्त जवाहरातों की शोभा हर लेती है।

राघवयादवीयम के ये 60 संस्कृत श्लोक इस प्रकार हैं

राघवयादवीयम् रामस्तोत्राणि

वंदेऽहं देवं तं श्रीतं रन्तारं कालं भासा यः ।
रामो रामाधीराप्यागो लीलामारायोध्ये वासे ॥ १॥

विलोमम्
सेवाध्येयो रामालाली गोप्याराधी भारामोराः ।
यस्साभालंकारं तारं तं श्रीतं वन्देऽहं देवम् ॥ १॥

साकेताख्या ज्यायामासीद्याविप्रादीप्तार्याधारा ।
पूराजीतादेवाद्याविश्वासाग्र्यासावाशारावा ॥ २॥

विलोमम्
वाराशावासाग्र्या साश्वाविद्यावादेताजीरापूः ।
राधार्यप्ता दीप्राविद्यासीमायाज्याख्याताकेसा ॥ २॥

कामभारस्स्थलसारश्रीसौधासौघनवापिका ।
सारसारवपीनासरागाकारसुभूरुभूः ॥ ३॥

विलोमम्
भूरिभूसुरकागारासनापीवरसारसा ।
कापिवानघसौधासौ श्रीरसालस्थभामका ॥ ३॥

रामधामसमानेनमागोरोधनमासताम् ।
नामहामक्षररसं ताराभास्तु न वेद या ॥ ४॥

विलोमम्
यादवेनस्तुभारातासंररक्षमहामनाः ।
तां समानधरोगोमाननेमासमधामराः ॥ ४॥

यन् गाधेयो योगी रागी वैताने सौम्ये सौख्येसौ ।
तं ख्यातं शीतं स्फीतं भीमानामाश्रीहाता त्रातम् ॥ ५॥

विलोमम्
तं त्राताहाश्रीमानामाभीतं स्फीत्तं शीतं ख्यातं ।
सौख्ये सौम्येसौ नेता वै गीरागीयो योधेगायन् ॥ ५॥

मारमं सुकुमाराभं रसाजापनृताश्रितं ।
काविरामदलापागोसमावामतरानते ॥ ६॥

विलोमम्
तेन रातमवामास गोपालादमराविका ।
तं श्रितानृपजासारंभ रामाकुसुमं रमा ॥ ६॥

रामनामा सदा खेदभावे दया-वानतापीनतेजारिपावनते ।
कादिमोदासहातास्वभासारसा-मेसुगोरेणुकागात्रजे भूरुमे ॥ ७॥

विलोमम्
मेरुभूजेत्रगाकाणुरेगोसुमे-सारसा भास्वताहासदामोदिका ।
तेन वा पारिजातेन पीता नवायादवे भादखेदासमानामरा ॥ ७॥

सारसासमधाताक्षिभूम्नाधामसु सीतया ।
साध्वसाविहरेमेक्षेम्यरमासुरसारहा ॥ ८॥

विलोमम्
हारसारसुमारम्यक्षेमेरेहविसाध्वसा ।
यातसीसुमधाम्नाभूक्षिताधामससारसा ॥ ८॥

सागसाभरतायेभमाभातामन्युमत्तया ।
सात्रमध्यमयातापेपोतायाधिगतारसा ॥ ९॥

विलोमम्
सारतागधियातापोपेतायामध्यमत्रसा ।
यात्तमन्युमताभामा भयेतारभसागसा ॥ ९॥

तानवादपकोमाभारामेकाननदाससा ।
यालतावृद्धसेवाकाकैकेयीमहदाहह ॥ १०॥

विलोमम्
हहदाहमयीकेकैकावासेद्ध्वृतालया ।
सासदाननकामेराभामाकोपदवानता ॥ १०॥

वरमानदसत्यासह्रीतपित्रादरादहो ।
भास्वरस्थिरधीरोपहारोरावनगाम्यसौ ॥ ११॥

विलोमम्
सौम्यगानवरारोहापरोधीरस्स्थिरस्वभाः ।
होदरादत्रापितह्रीसत्यासदनमारवा ॥ ११॥

यानयानघधीतादा रसायास्तनयादवे ।
सागताहिवियाताह्रीसतापानकिलोनभा ॥ १२॥

विलोमम्
भानलोकिनपातासह्रीतायाविहितागसा ।
वेदयानस्तयासारदाताधीघनयानया ॥ १२॥

रागिराधुतिगर्वादारदाहोमहसाहह ।
यानगातभरद्वाजमायासीदमगाहिनः ॥ १३॥

विलोमम्
नोहिगामदसीयामाजद्वारभतगानया ।
हह साहमहोदारदार्वागतिधुरागिरा ॥ १३॥

यातुराजिदभाभारं द्यां वमारुतगन्धगम् ।
सोगमारपदं यक्षतुंगाभोनघयात्रया ॥ १४॥

विलोमम्
यात्रयाघनभोगातुं क्षयदं परमागसः ।
गन्धगंतरुमावद्यं रंभाभादजिरा तु या ॥ १४॥

दण्डकां प्रदमोराजाल्याहतामयकारिहा ।
ससमानवतानेनोभोग्याभोनतदासन ॥ १५॥

विलोमम्
नसदातनभोग्याभो नोनेतावनमास सः ।
हारिकायमताहल्याजारामोदप्रकाण्डदम् ॥ १५॥

सोरमारदनज्ञानोवेदेराकण्ठकुंभजम् ।
तं द्रुसारपटोनागानानादोषविराधहा ॥ १६॥

विलोमम्
हाधराविषदोनानागानाटोपरसाद्रुतम् ।
जम्भकुण्ठकरादेवेनोज्ञानदरमारसः ॥ १६॥

सागमाकरपाताहाकंकेनावनतोहिसः ।
न समानर्दमारामालंकाराजस्वसा रतम् ॥ १७॥

विलोमम्
तं रसास्वजराकालंमारामार्दनमासन ।
सहितोनवनाकेकं हातापारकमागसा ॥ १७॥

तां स गोरमदोश्रीदो विग्रामसदरोतत ।
वैरमासपलाहारा विनासा रविवंशके ॥ १८॥

विलोमम्
केशवं विरसानाविराहालापसमारवैः ।
ततरोदसमग्राविदोश्रीदोमरगोसताम् ॥ १८॥

गोद्युगोमस्वमायोभूदश्रीगखरसेनया ।
सहसाहवधारोविकलोराजदरातिहा ॥ १९॥

विलोमम्
हातिरादजरालोकविरोधावहसाहस ।
यानसेरखगश्रीद भूयोमास्वमगोद्युगः ॥ १९॥

हतपापचयेहेयो लंकेशोयमसारधीः ।
राजिराविरतेरापोहाहाहंग्रहमारघः ॥ २०॥

विलोमम्
घोरमाहग्रहंहाहापोरातेरविराजिराः ।
धीरसामयशोकेलं यो हेये च पपात ह ॥ २०॥

ताटकेयलवादेनोहारीहारिगिरासमः ।
हासहायजनासीतानाप्तेनादमनाभुवि ॥ २१॥

विलोमम्
विभुनामदनाप्तेनातासीनाजयहासहा ।
ससरागिरिहारीहानोदेवालयकेटता ॥ २१॥

भारमाकुदशाकेनाशराधीकुहकेनहा ।
चारुधीवनपालोक्या वैदेहीमहिताहृता ॥ २२॥

विलोमम्
ताहृताहिमहीदेव्यैक्यालोपानवधीरुचा ।
हानकेहकुधीराशानाकेशादकुमारभाः ॥ २२॥

हारितोयदभोरामावियोगेनघवायुजः ।
तंरुमामहितोपेतामोदोसारज्ञरामयः ॥ २३॥

विलोमम्
योमराज्ञरसादोमोतापेतोहिममारुतम् ।
जोयुवाघनगेयोविमाराभोदयतोरिहा ॥ २३॥

भानुभानुतभावामासदामोदपरोहतं ।
तंहतामरसाभक्षोतिराताकृतवासविम् ॥ २४॥

विलोमम्
विंसवातकृतारातिक्षोभासारमताहतं ।
तं हरोपदमोदासमावाभातनुभानुभाः ॥ २४॥

हंसजारुद्धबलजापरोदारसुभाजिनि ।
राजिरावणरक्षोरविघातायरमारयम् ॥ २५॥

विलोमम्
यं रमारयताघाविरक्षोरणवराजिरा ।
निजभासुरदारोपजालबद्धरुजासहम् ॥ २५॥

सागरातिगमाभातिनाकेशोसुरमासहः ।
तंसमारुतजंगोप्ताभादासाद्यगतोगजम् ॥ २६॥

विलोमम्
जंगतोगद्यसादाभाप्तागोजंतरुमासतं ।
हस्समारसुशोकेनातिभामागतिरागसा ॥ २६॥

वीरवानरसेनस्य त्राताभादवता हि सः ।
तोयधावरिगोयादस्ययतोनवसेतुना ॥ २७॥

विलोमम्
नातुसेवनतोयस्यदयागोरिवधायतः ।
सहितावदभातात्रास्यनसेरनवारवी ॥ २७॥

हारिसाहसलंकेनासुभेदीमहितोहिसः ।
चारुभूतनुजोरामोरमाराधयदार्तिहा ॥ २८॥

विलोमम्
हार्तिदायधरामारमोराजोनुतभूरुचा ।
सहितोहिमदीभेसुनाकेलंसहसारिहा ॥ २८॥

नालिकेरसुभाकारागारासौसुरसापिका ।
रावणारिक्षमेरापूराभेजे हि ननामुना ॥ २९॥

विलोमम्
नामुनानहिजेभेरापूरामेक्षरिणावरा ।
कापिसारसुसौरागाराकाभासुरकेलिना ॥ २९॥

साग्र्यतामरसागारामक्षामाघनभारगौः ॥
निजदेपरजित्यास श्रीरामे सुगराजभा ॥ ३०॥

विलोमम्
भाजरागसुमेराश्रीसत्याजिरपदेजनि ।
गौरभानघमाक्षामरागासारमताग्र्यसा ॥ ३०॥
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॥ इति श्रीवेङ्कटाध्वरि कृतं श्रीराघवयादवीयम् ॥

Sunday 26 March 2017

33 कोटी

*33 करोड़ नहीं 33 कोटी देवी देवता हैँ .., हिंदू धर्म में ; कोटि = प्रकार*❗ 
*देवभाषा संस्कृत में कोटि के दो अर्थ होते हैं ! कोटि का मतलब प्रकार होता है और एक अर्थ करोड़ भी होता !!*
*हिंदू धर्म का दुष्प्रचार करने के लिए .., ये बात उड़ाई गयी की ,  हिन्दूओं के 33 करोड़ देवी देवता हैं और अब तो मुर्ख हिन्दू खुद ही गाते फिरते हैं .., की हमारे 33 करोड़ देवी देवता हैं ...!! कुल 33 प्रकार के देवी देवता हैँ हिंदू धर्म में* : -
12 प्रकार हैँ : -
*आदित्य , धाता , मित , आर्यमा , शक्रा , वरुण , अँशभाग , विवास्वान , पूष , सविता , तवास्था और विष्णु ...!!*
8 प्रकार हैं : -
*वासु: , धरध्रुव , सोम , अह , अनिल , अनल , प्रत्युष और प्रभाष !!*
11 प्रकार हैं : - 
*रुद्र: , हरबहुरुप , त्रयँबक , अपराजिता , बृषाकापि , शँभू  कपार्दी , रेवात , मृगव्याध , शर्वा और कपाली !!*
                       एवँ
*दो प्रकार हैँ अश्विनी और कुमार !!*
कुल : - *12+8+11+2 = 33 कोटी* 

असली नाम

क्या आप जानते हैं कि हमारे देश व शहरों के असली नाम क्या थे ?

१. हिन्दुस्तान, इंडिया या भारत का असली नाम - आर्यावर्त्त !
२. कानपुर का असली  नाम- कान्हापुर !
३. दिल्ली का असली नाम - इन्द्रप्रस्थ !
४. हैदराबाद का असली नाम - भाग्यनगर !
५. इलाहाबाद का असली नाम - प्रयाग !
६. औरंगाबाद का असली नाम - संभाजी नगर !
७. भोपाल का असली नाम - भोजपाल !
८. लखनऊ का असली नाम - लक्ष्मणपुरी !
९. अहमदाबाद का असली नाम -  कर्णावती !
१०. फैजाबाद का असली नाम - अवध !
११. अलीगढ़ का असली नाम - हरिगढ़ !
१२. मिराज का असली नाम - शिव प्रदेश !
१३. मुजफ्फरनगर का असली नाम - लक्ष्मी नगर !
१४. शामली का असली नाम - श्यामली !
१५. रोहतक का असली नाम - रोहितासपुर !
१६. पोरबंदर का असली नाम - सुदामापुरी !
१७. पटना का असली नाम - पाटलीपुत्र !
१८. नांदेड का असली नाम - नंदीग्राम !
१९. आजमगढ का असली नाम - आर्यगढ़ !
२०. अजमेर का असली नाम - अजयमेरु !
२१. उज्जैन का असली नाम - अवंतिका !
२२. जमशेदपुर का असली नाम काली माटी !
२३. विशाखापट्टनम का असली नाम - विजात्रापश्म !
२४. गुवाहटी का असली नाम - गौहाटी !
२५. सुल्तानगँज का असली नाम - चम्पानगरी !
२६. बुरहानपुर का असली नाम -  ब्रह्मपुर !
२७. इंदौर का असली नाम - इंदुर !
२८. नशरुलागंज का असली नाम - भीरुंदा !
२९. सोनीपत का असली नाम - स्वर्णप्रस्थ !
३०. पानीपत का असली नाम - पर्णप्रस्थ !
३१.बागपत का असली नाम - बागप्रस्थ !
३२. उसामानाबाद का असली नाम - धाराशिव (महाराष्ट्र में) !
३३. देवरिया का असली नाम - देवपुरी ! (उत्तर प्रदेश में)
३४. सुल्तानपुर का असली नाम - कुशभवनपुर 
३५. लखीमपुर का असली नाम - लक्ष्मीपुर ! (उत्तर प्रदेश में)

ये सभी नाम मुगलों, अंग्रेजों,  ने बदले हैं ।

Thursday 16 March 2017

मायावती

*प्रसंग है*___

ताजा चुनाव के नतीजों के बाद बहुत ही उदास मन से एक छज्जे पर मायावती  बैठी है, 

केश खुले हुए हैं और उदास मुख मुद्रा देखकर लग रहा है कि जैसे वह छत से कूदकर आत्महत्या करने वाली हैं

सोचिये विभिन्न कवि इस प्रसंग पर कैसे लिखते.....

😀😀😀😀😀😀😀😀😀

*मैथिली शरण गुप्त*-

अट्टालिका पर बैठकर क्यों अनमनी सी हो अहो 
किस वेदना के भार से संतप्त हो देवी कहो ? 
धीरज धरो संसार में, किसके नहीं है दुर्दिन फिरे
हे राम! रक्षा कीजिए, माया न भूतल पर गिरे।😀

*काका हाथरसी*-

माया बैठी छत पर, कूदन को तैयार 
नीचे पक्का फर्श है, भली करे करतार 
भली करे करतार, न दे दे कोई धक्का 
ऊपर मोटी नार, नीचे पतरे कक्का 
कह काका कविराय, अरी मत आगे बढ़ना 
उधर कूदना मेरे ऊपर मत गिर पड़ना।😊

*गुलजार*-

वो बरसों पुरानी ईमारत 
शायद 
आज कुछ गुफ्तगू करना चाहती थी 
कई सदियों से 
उसकी छत से कोई कूदा नहीं था।
और आज 
उस 
तंग हालात 
परेशां
स्याह आँखों वाली 
उस लड़की ने 
ईमारत के सफ़े 
जैसे खोल ही दिए
आज फिर कुछ बात होगी 
सुना है ईमारत खुश बहुत है...😀

*हरिवंश राय बच्चन*-

किस उलझन से क्षुब्ध आज 
निश्चय यह तुमने कर डाला
घर चौखट को छोड़ त्याग
चढ़ बैठी तुम चौथा माला
अभी समय है, जीवन सुरभित
पान करो इस का बाला
ऐसे कूद के मरने पर तो
नहीं मिलेगी मधुशाला 😊

*प्रसून जोशी*-

जिंदगी को तोड़ कर 
मरोड़ कर 
गुल्लकों को फोड़ कर 
क्या हुआ जो जा रही हो 
सोहबतों को छोड़ कर 😄

*रहीम*-

रहिमन कभउँ न फांदिये, छत ऊपर दीवार 
हल छूटे जो जन गिरि, फूटै और कपार 😀

*तुलसी*-

छत चढ़ नारी उदासी कोप व्रत धारी 
कूद ना जा री दुखीयारी 
सैन्य समेत अबहिन आवत होइहैं रघुरारी 😟

*कबीर*-

कबीरा देखि दुःख आपने, कूदिंह छत से नार 
तापे संकट ना कटे , खुले नरक का द्वार'' 😃

*श्याम नारायण पांडे*- 

ओ घमंड मंडिनी, अखंड खंड मंडिनी 
वीरता विमंडिनी, प्रचंड चंड चंडिनी 
सिंहनी की ठान से, आन बान शान से 
मान से, गुमान से, तुम गिरो मकान से 
तुम डगर डगर गिरो, तुम नगर नगर गिरो
तुम गिरो अगर गिरो, शत्रु पर मगर गिरो।😃

*गोपाल दास नीरज*-

हो न उदास रूपसी, तू मुस्काती जा
चुनाव की हार में भी जिन्दगी के फूल खिलाती जा
जाना तो हर एक को है, एक दिन जहान से
जाते जाते मेरा, एक गीत गुनगुनाती जा 😀

*राम कुमार वर्मा*-

हे सुन्दरी तुम मृत्यु की यूँ बाट मत जोहो।
जानता हूँ चुनाव का
खो चुकि हो चाव तुम
और चढ़ के छत पे भरसक
खा चुकि हो ताव अब तुम
उसके उर के भार को समझो।
जीवन के उपहार को तुम ज़ाया ना खोहो,
हे सुन्दरी तुम मृत्यु की यूँ बाँट मत जोहो।😀

*हनी सिंह*-

कूद जा डार्लिंग क्या रखा है 
मुख्यमंत्री बन जाने में 
यो यो की तो सीडी बज री 
डिस्को में हरयाणे में 
रोना धोना बंद कर
कर ले डांस हनी के गाने में 
रॉक एंड रोल करेंगे कुड़िये 
फार्म हाउस के तहखाने में..

😄😄😄😄😄😄😄
😀 *आप सभी हिन्दी प्रेमियों को  बहुत बहुत शुभकामनाये* 😀

Tuesday 14 March 2017

हास्य

ये जो कुल्फी खाते हुए
एक हथेली कुल्फी के नीचे लगाये रहते हो ना

 इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने "मोह" बताया है. 
😂😂😜😜😜
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और कुल्फी खतम होने के बाद भी जो डण्डी चाटते ही रहते हैं

इसे ही गीता में श्रीकृष्ण ने "लोभ" कहा है
🙏😀🙏
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और डण्डी फेंकने के बाद , सामने वाले की कुल्फी देखकर सोचना कि उसकी खत्म क्यों नहीं हुई,

इसे गीता मे "ईर्ष्या" कहा गया है,  ☺☺
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और कुल्फी खतम होने से पहले डन्डी से नीचे गिर जाये और केवल डण्डी हाथ मे रह जाये तब तुम्हारे मन में जो आता है....                             😁  इसे ही गीता मे "क्रोध" कहा है 😳
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ये जो नींद पूरी होने के बाद भी 3 घंटे तक बिस्तर पर मगरमच्छ की तरह पड़े रहते हो ना !
शास्त्रों में इसे ही "आलस्य" कहा गया है। 😂😂
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ये रेस्टोरेंट में खाने के बाद जो कनस्तर भरके सौंफ और मिश्री का बुक्का मारते हो ना !!
शास्त्रों में इसे ही "टुच्चापन" कहा है ।।😂😝😜
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ये जो ताला लगाने के बाद उसे पकड़ कर खींचते हो ना !!

इसे ही शास्त्रों में 'भय' कहा गया है ।।😜😝😂
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ये जो तुम WhatsApp पर मैसेज़ भेजने के बाद
बार बार दो नीली धारियाँ चेक
करते हो ना !

इसे ही शास्त्रों में 'उतावलापन' कहा है...😂😂
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वो जो तुम गोलगप्पे वाले से कभी मिर्च वाला 🙄 कभी सूखा 😬 कभी दही वाला 😑 कभी मीठी चटनी 🙁

वाला माँगते वक़्त उसे "भैया" बोलती हो ना..

बस इसी को शास्त्रों में "शोषण" कहा है 😂😂
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फ्रूटी खत्म होने के बाद ये जो आप स्ट्रा से सुड़प-सुड़प करके आखिरी बून्द तक पीने की कोशिश करते हो न....

शास्त्रो में इसे ही "मृगतृष्णा" कहा गया है😜😜
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ये जो तुम लोग केले 🍌 खरीदते वक्त, अंगूर 🍇 क्या भाव दिये ? बोल के 5-7 अंगूर खा जाते हो ना......शास्त्रो में इसे ही "अक्षम्य अपराध" कहा गया है। 😂😂😜😜😜😜
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ये जो तुम.. भंडारे में बैठकर..

खाते हुए.. रायते वाले को आता देखकर..

जल्दी से.. रायता पी लेते हो....!!
.
.
शास्त्रों में.. इसे भी "छल" कहा गया है !!😂😂
___________________________________
और इस पोस्ट को पढ़कर जो हँसी आती है उसे "मोक्ष" कहते है 😝

😂😂😂😂😂😂😂😂

Dedicated to all gujjus friends 👍😃😃

Ek dum superb chhe..!👍😜
            
True and unmistakable characteristics of a true Gujarati:

01. Every autowala, taxiwala, grocerywala is  'Kaka'.

02. Gujju never go to Office, they go to Hoffis.

03. The first rule of money - never use your own.

04. "Su nava juni" is their version of 'wassup'?

05. Be it 7am in the morning or past midnite, gathiyas are always welcome.

06. They keep an "ELARAM" to wake up in the morning.

07. No party is over without a round of GARBA.

08. They call all types of noodles "Meggi"!

09. When someone asks about a person, Gujju says GENTLEMAN MANAS chhey.

10. They have a PhD in bargaining by birth.

11. They can speak any language of the world in Gujarati.

12. Gujju don't have feelings, they have FILLINGS.

13. Jai Shri Krishna = Hello and Good Bye.

14. All their conversations begin with kem chhe, maja ma ne, and end with: "Koyi saaru investment batavo ne..."

15. Gujju shout their guts out on international calls, thinking they can hear them better that way.

16. Swimming is not for them - They call it 'chhab-chhabia'.

17. For them Electricity never goes - only Light does.

18. Gujju don't call people, they COAL them.

19. Sensex interests more than anything.

20. Chhas is their Beer.

21. They are everywhere, all over the globe - deal with it.

22. Gujju go to movie HOLE and take outside SNAKES for refreshments.

23. Mount Abu is their Switzerland.

24. If a Gujju starts Koffee with Karan, he would name it "Chhas with Chhagan".

25. A true Gujju looks forward to eat Thai, Mexican, Italian, Chinese, chaat and Undhiyu at the cousin's wedding.

26. At least 50% of the contacts in the phone book end with the word BHAI.

27. Being Punjabi means more chapati, less rice; being Mallu means less chapati, more rice.
Being Gujju - just eat more yaar, 'shu farak pade chhe?'

28. Gujjus believe Narendra Modi is the solution for everything - from Fashion style to Nation's progress.

29. Vile Parle and New Jersey feels like home - Apduj chhe.

30. They will spend 1000 rupees for a 10 rupee free gift, free ma malle, etle maja aavi jai.

31. They eat home made theplas with chhundo and athanu on business class flight.

32. Gujju can do Garba on any song in the world.

33. Falguni Pathak is Britney Spears for them.

34. After having chaat, bhelpuri, sevpuri, Gujju makes sure they ask for extra puri and then a discount.

35. Order soup 1 by 2, you get more quantity - be smart.

36. If it is beeg (big), edible and free, go on dude, eat it.

37. Mumbai + Gujarat + London + Amerika = Whole world. Nothing else exists for them.

38. Everyone is invited to a Gujju home for lunch, and fed like you have come from the groom's side.

39. If all of a sudden you hear a dhoom machale ringtone or a loud scream or a loud chit chat amongst a group, immediately assume that you are amidst Gujjus.

40. Hindi humko 'jara bhi nahi faata hai'.

41. Age 15 or 50, your parents will always refer to you as their 'baby' or 'babo'.

42. KEDBURY is the generic name for chocolate.

43. Gujju take the constitution very seriously, everyone is called Bhai and Ben.

44. If you do not go for Navratri, you didn't exist.

45. All own Reliance collectively.

46. Dandiya is their Prom.

47. You pack according to a 5N/6D holiday when going for a one day picnic.

48. Time spent at a party - Dancing (10 minutes) Chitchat (10 minutes) Dinner (100 minutes)

49. Gujju get tired after walk of 15 minutes and play dandia for 5 hours.

50. A true Gujju will definitely forward this..

EVM

#ईवीएम (EVM) से छेड़छाड़ की बात सरासर गलत है। 
(भ्रामक सूचनाओं से बचने हेतु)

1.ईवीएम में इंटरनेट का कोई कनेक्शन नहीं होता है, इसलिए इसे ऑनलाइन होकर हैक नहीं किया जा सकता।

2.किस बूथ पर कौन सा ईवीएम जायेगा, इसके लिए रैंडमाइजेसन की प्रक्रिया होती है, अर्थात््सभी ईवीएम को पहले लोकसभा वार फिर विधानसभा वार और सबसे अंत में बूथवार निर्धारित किया जाता है और पोलिंग पार्टी को एक दिन पहले डिस्पैचिंग के समय ही पता चल पाता है कि उसके पास किस सीरिज का ईवीएम आया है। ऐसे में अंतिम समय तक पोलिंग पार्टी को पता नहीं रहता कि उनके हाथ में कौन सा ईवीएम आने वाला है।

2. बेसिक तौर पर ईवीएम में दो मशीन होती है, बैलट यूनीट और कंट्रोल यूनिट । वर्तमान में इसमें एक तीसरी यूनिट वीवीपीएटी भी जोड़ दिया गया है, जो सात सेकंड के लिए मतदाता को एक पर्ची दिखाता है जिसमें ये उल्लेखित रहता है कि मतदाता ने अपना वोट किस अभ्यर्थी को दिया है। ऐसे में अभ्यर्थी बूथ पर ही आश्वस्त हो सकता है कि उसका वोट सही पड़ा है कि नहीं।

3. वोटिंग के पहले सभी ईवीएम की गोपनीय जांच की जाती है और सभी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही ईवीएम को वोटिंग हेतु प्रयुक्त किया जाता है।

4. सबसे बड़ी बात वोटिंग के दिन सुबह मतदान शुरु करने से पहले मतदान केन्द्र की पोलिंग पार्टी द्वारा सभी उम्मीदवारों के मतदान केन्द्र प्रभारी या पोलिंग एंजेट के सामने मतदान शुरु करने से पहले मॉक पोलिंग की जाती है और सभी पोलिंग एंजेट से मशीन में वोट डालने को कहा जाता है ताकि ये जांचा जा सके कि सभी उम्मीदवारों के पक्ष में वोट गिर रहा है कि नहीं। ऐसे में यदि किसी मशीन में टेंपरिंग या तकनीकि गड़बड़ी होगी तो मतदान के शुरु होने के पहले ही पकड़ ली जायेगी।
 मॉक पोल के बाद सभी उम्मीदवारों के पोलिंग एंजेट मतदान केन्द्र की पोलिंग पार्टी के प्रभारी को सही मॉक पोल का सर्टिफिकेट देते है।  इस सर्टिफिकेट के मिलने के बाद ही संबंधित मतदान केन्द्र में वोटिंग शुरु की जाती है। ऐसे में जो उम्मीदवार ईवीएम में टैंपरिंग की बात कर रहे  है वे अपने पोलिंग एंजेट से इस बारे में बात कर आश्वस्त हो सकते है । मतदान शुरु होने के बाद मतदान केन्द्र में मशीन के पास मतदाताओं के अलावा मतदान कर्मियों के जाने की मनाही होती है, वे ईवीएम के पास तभी जा सकते है जब मशीन की बैट्री डाउन या कोई अन्य तकनीकि समस्या होने पर मतदाता द्वारा सूचित किया जाता है।  हर मतदान केन्द्र में एक रजिस्टर बनाया जाता है, इस रजिस्टर में मतदान करने वाले मतदाताओं की डिटेल अंकित रहती है और रजिस्टर में जितने मतदाता की डिटेल अंकित होती है, उतने ही मतदाताओं की संख्या ईवीएम में भी होती है। काउंटिंग वाले दिन इनका आपस मे मिलान मतदान केंद्र प्रभारी (Presiding Officer) की रिपोर्ट के आधार पर होता है....

5. सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम टैंपरिंग से संबंधित जितने भी मामले पहले आये उनमें से किसी भी मामले में ईवीएम में टैंपरिंग सिद्व नहीं हो पायी है। स्ंवय चुनाव आयोग आम लोगों को आंमत्रित करता है कि वे लोग आयोग जाकर ईवीएम की तकनीक को गलत सिद्व करने हेतु अपने दावे प्रस्तुत करे। लेकिन आज तक कोई भी दावा सही सिद्व नहीं हुआ है।

Thursday 9 March 2017

Teachers retire early or take to drink.....

 
The following questions were in a UK grade 12 equivalent examination-- (Purportedly genuine answers).

Q. What is a turbine?
A. Something an Arab or Sheik wears on his head. 

Q. How is dew formed?
A. The sun shines down on the leaves and makes them perspire. 

Q. What are steroids?
A. Things for keeping carpets still on the stairs. 
(Shoot yourself now, there is little hope.) 

Q. Name a major disease associated with cigarettes.
A. Premature death. 

Q. How can you delay milk turning sour?
A. Keep it in the cow. 
(Simple, but brilliant) 

Q. How are the main 20 parts of the body categorised (e.g. The abdomen)?
A. The body is consisted into 3 parts - the brainium, the borax and the abdominal cavity. The brainium contains the brain, the borax contains the heart and lungs and the abdominal cavity contains the 5 bowels... A, E, I, O, U

Q. What is the fibula?
A. A small lie. 

Q. What does 'varicose' mean?
A. Nearby

Q. Give the meaning of the term 'Caesarean section.'
A. The caesarean section is a district in Rome . 

Q. What is a seizure?
A. A Roman Emperor. 
(Julius Seizure, I came, I saw, I conked out.) 

Q. What is a terminal illness?
A. When you are sick at the airport. 
(Irrefutable) 

Q. Name the four seasons 
A. Salt, pepper, mustard and vinegar.
 
No wonder Britain Brexited !!
🙈🙈🙈