Wednesday 27 April 2016

Spanish's "High Speed TALGO Train"

Spanish's "High Speed TALGO Train" is set to take Trial in India,
 it will replace the existing LHB Coaches of Rajdhani and Shatabdi Exp if trials were successful.
9 TALGO coaches arrived at Mumbai port from Barcelona, Spain.

TALGO - Tren Articulado Ligero Goicoeheo Oriol
founded by Alejandro Goicoecheo and Jose Luis Oriol in 1942, headquartered at Madrid, Spain.

Features:
1. Light weight Aluminium coach costs 1.70 crores per coach, 1 crore less than LHB coach(2.75cr).

2. Energy efficient coaches saves 30% in energy bill.

3. Fire retardant interiors with complete sound insulation resulting noiseless travel.

4. Top speed of 250 kmph.

5. Bogies are not directed attached with coach, its shared between the coach thus allowing the train to Turn at Higher speed with less Swaying.

6. Wheels are mounted in pair and not in Axle.

7. Traction Change system allows to run both Electric Traction(25KV) and Diesel Traction(non-Electrified line) without STOPPING the Train.

8. Gauge Change system allows the train can Gauge between 1668mm Iberian gauge and 1435mm Standard gauge when required (during cross border operation).

9. Technology to support pleasant journey even when outside temperature crosses 50°c or drops below -20°c.

TALGO offers assistance for Trial runs for free of cost. 3 trial runs to be conducted in May.

1st trial: 115kmph in Bareilly-Muradabad section.

2nd trial: 180kmph in Mathura-Palwal section.

3rd trial: 200kmph in Mumbai-Delhi section.

Target to achieve an Avg speed of 125kmph.

DECORATION FOR WEDDING HAL

गहरी बात

👉बेजुबान पत्थर पे लदे है करोडो के गहने मंदिरो में।
उसी दहलीज पे एक रूपये को तरसते नन्हे हाथो को देखा है।।

👉सजे थे छप्पन भोग और मेवे मूरत के आगे। 
बाहर एक फ़कीर को भूख से तड़प के मरते देखा है।।

👉लदी हुई है रेशमी चादरों से वो हरी मजार।
पर बाहर एक बूढ़ी अम्मा को ठंड से ठिठुरते देखा है।।

👉वो दे आया एक लाख गुरद्वारे में हॉल के लिए।
घर में उसको 500 रूपये के लिए काम वाली बाई को बदलते देखा है।।

👉सुना है चढ़ा था सलीब पे कोई दुनिया का दर्द मिटाने को।
आज चर्च में बेटे की मार से बिलखते माँ बाप को देखा है।।

👉जलाती रही जो अखन्ड ज्योति देसी घी की दिन रात पुजारन।
आज उसे प्रसव में कुपोषण के कारण मौत से लड़ते देखा है।।

👉जिसने न दी माँ बाप को भर पेट रोटी कभी जीते जी।
आज लगाते उसको भंडारे मरने के बाद देखा है।।

👉दे के समाज की दुहाई ब्याह दिया था  जिस बेटी को जबरन बाप ने।
आज पीटते उसी शौहर के हाथो सरे राह देखा है।।

👉मारा गया वो पंडित बे मौत सड़क दुर्घटना में यारो।
जिसे खुद को काल, सर्प, तारे और हाथ की लकीरो का माहिर लिखते देखा है।।

👉जिसे घर की एकता की देता था जमाना कभी मिसाल दोस्तों।
आज उसी आँगन में खिंचती दीवार को देखा है।।

👉बन्द कर दिया सांपों को सपेरे ने यह कहकर।
अब इंसान ही इंसान को डसने के काम आएगा।।

👉आत्म हत्या कर ली गिरगिट ने सुसाइड नोट छोडकर।
अब इंसान से ज्यादा मैं रंग नहीं बदल सकता।।

👉गिद्ध भी कहीं चले गए लगता है उन्होंने देख लिया कि।
इंसान हमसे अच्छा नोंचता  है।।

👉कुत्ते कोमा में चले गए, ये देखकर।
क्या मस्त तलवे चाटते हुए इंसान देखा है।।

SACHIN TENDULKAR

🏏SACHIN TENDULKAR🏏

Most Matches in Odi :463
Most Matches in Test :200
Most runs in Test :15837 runs
Most runs in ODI :18426 runs
Most Fours in odi :2016 fours
Most Fours in test :2044 Fours
Most 150+ scores in odi :5
Most 150+ scores in test :20
Most hundreds by a batsman in Test:51 hundreds
Most Hundreds by a batsman in ODI :49 hundreds
Most Ninties in Odi :18
Most Ninties in Test :10
Most fifties by a batsman in Test :67
Most fifties by a batsman in ODI :96
Most Man of Match in odi :62
Most Man of series in odi :15
Most Balls Faced in odi :21367
Most ODI runs in a calendar year :1,894 ODI runs in 1998.
Most centuries in a calendar year :9 ODI centuries in 1998.
Most runs scored by a batsman in ODI tournament finals:
Tendulkar 1851,
Most centuries hit by a batsman in ODI tournament Finals:
Tendulkar (6 ton)
Most Runs in world cup :2278
Most Runs in single world cup :673 Runs in 2003 world cup
Most Hundreds in world cup :6
Most fifties in world cup :15
Most successful batsman in wins :(11157 runs in 234 matches)
Most successful batsman in chases :(5490 runs in 127 matches)
Yes it is one and only SACHIN TENDULKAR.



9 famous quotes on Sachin Tendulkar . . .!!!

👍 i want my son to became Sachin Tendulkar - brian lara🏈

👍 We did not lose to a team called India, we lost to a man called Sachin
- mark taylor🏀

👍 nothin bad can happen to us if we were on a plane in India with Sachin on it.
- hashim amla⚽

👍 he can play that leg glance with a walking stick also,
- waqar younis🎾

👍 there are 2 kind of batsman in the world,
1 Sachin tendulkar
2 all the others.
-andy flower⚾

👍i have seen god. He bats at no.4 for India in tests.
- matthew hayden🎱

👍 i see myself when i see Sachin batting.
-don bradman🎳

👍do your crime when Sachin is batting, bcos even god is busy watcing his batting.
- Australian fan🏉

👍best one from
Barack Obama- i don't know about cricket but still i watch cricket to see Sachin play. . Not bcoz i love his play its bcoz I want to know the reason why my country production goes down by 5 percent when he's batting. . . 🏆


True Sachinists SHARE this. . . .
Tendulkar's 1'st match, 
18 - 11 - 89
and.....
Last match, 
18 - 11 - 13....
That's all...,,
.

Monday 25 April 2016

बीते दिन।

‼️🐚‼️🐚🙏🐚‼️🐚‼️
दादी माँ बनाती थी.. रोटी !!
पहली.. गाय की ,
और  आखरी.. कुत्ते की..!

हर सुबह.. नन्दी आ जाता था ,
दरवाज़े पर.. गुड़ की  डली के लिए..!

कबूतर का.. चुग्गा ,
        चीटियों.. का आटा..!

शनिवार, अमावस, पूर्णिमा का सीधा.. सरसों का तेल ,
गली में.. काली कुतिया के ब्याने पर.. चने गुड़ का प्रसाद..!

सब कुछ.. निकल आता था !

वो भी उस घर से..,
जिसमें.. भोग विलास के नाम पर.. एक टेबल फैन भी न था..!

आज..
सामान से.. भरे घरों में..
कुछ भी.. नहीं निकलता !
सिवाय लड़ने की.. कर्कश आवाजों के.!
....हमको को आज भी याद है -
मकान चाहे.. कच्चे थे
लेकिन रिश्ते सारे.. सच्चे थे..!!

चारपाई पर.. बैठते थे ,
दिल में प्रेम से.. रहते थे..!

सोफे और डबल बैड.. क्या आ गए ?
     दूरियां हमारी.. बढा गए..!

छतों पर.. सब सोते थे !
बात बतंगड.. खूब होते थे..!

आंगन में.. वृक्ष थे ,
सांझे.. सबके सुख दुख थे..!

दरवाजा खुला रहता था ,
राही भी.. आ बैठता था...!

कौवे छत पर.. कांवते थे
मेहमान भी.. आते जाते थे...!

एक साइकिल ही.. पास था ,
फिर भी.. मेल जोल का वास था..!

रिश्ते.. सभी निभाते थे ,
रूठते थे , और मनाते थे...!

पैसा.. चाहे कम था ,
फिर भी..
माथे पे.. ना कोई गम था..!

मकान चाहे.. कच्चे थे ,
पर..रिश्ते सारे सच्चे थे..!!

अब शायद..सब कुछ पा लिया है !
पर..
लगता है कि.. बहुत कुछ गंवा दिया!!!

‼️💎‼️🐚🔔🐚‼️💎‼️


मैं ही कृष्ण मैं ही कंस हुँ।

एक चित्रकार था, जो अद्धभुत चित्र बनाता था।
लोग उसकी चित्रकारी की
काफी तारीफ़ करते थे।
एक दिन कृष्ण मंदिर के भक्तों ने उनसे कृष्ण और कंस का एक
चित्र बनाने की इच्छा प्रगट की।
चित्रकार इसके लिये तैयार हो गया आखिर भगवान् का काम था, पर
उसने कुछ शर्ते रखी।
उसने कहा मुझे योग्य पात्र चाहिए, अगर वे मिल जाए तो में
आसानी से चित्र बना दूंगा।
कृष्ण के चित्र लिए एक योग्य नटखट बालक और कंस के लिए
एक क्रूर भाव वाला व्यक्ति लाकर दे तब मैं चित्र बनाकर दूंगा।
कृष्ण मंदिर के भक्त एक बालक ले आये, बालक सुन्दर था।
चित्रकार ने उसे पसंद किया और उस बालक को सामने रख
बालकृष्ण का एक सुंदर चित्र बनाया।
अब बारी कंस की थी पर
क्रूर भाव वाले व्यक्ति को ढूंढना थोडा मुस्किल था।
जो व्यक्ति कृष्ण मंदिर वालो को पसंद आता वो चित्रकार को पसंद
नहीं आता उसे वो भाव मिल नहीं रहे
थे...
वक्त गुजरता गया।
आखिरकार थक-हार कर सालों बाद वो अब जेल में चित्रकार को ले
गए, जहा उम्रकेद काट रहे अपराधी थे।
उन अपराधीयों में से एक को चित्रकार ने पसंद किया
और उसे सामने रखकर उसने कंस का एक चित्र बनाया।
कृष्ण और कंस की वो तस्वीर आज
सालों के बाद पूर्ण हुई।
कृष्ण मंदिर के भक्त वो तस्वीरे देखकर मंत्रमुग्ध
हो गए।
उस अपराधी ने भी वह
तस्वीरे देखने की इच्छा व्यक्त
की।
उस अपराधी ने जब वो तस्वीरे
देखी तो वो फुट-फुटकर रोने लगा।
सभी ये देख अचंभित हो गए।
चित्रकार ने उससे इसका कारण बड़े प्यार से पूछा।
तब वह अपराधी बोला "शायद आपने मुझे पहचाना
नहीं, मैं वो ही बच्चा हुँ जिसे सालों
पहले आपने बालकृष्ण के चित्र के लिए पसंद किया था।
मेरे कुकर्मो से आज में कंस बन गया, इस तस्वीर में
मैं ही कृष्ण मैं ही कंस हुँ।

 हमारे कर्म ही हमे अच्छा और बुरा
इंसान बनाते है। 

The Samosa Vendor

At bombay...It was my regular train journey home from work.
I boarded the 18:50pm train from Church Gate.
When the train was about to leave Marinelines,
A samosa vendor with an empty basket got on and took
the seat next to me.
As the compartment was sparsely occupied and my
destination was still far away,
I got into a conversation with him.

Me: "Seems like you've sold all your samosas today."
Vendor (smiling): "Yes. By Almighty's grace, full sales today."

Me: "I really feel sorry for you people. Don't you get tired doing
This tiresome job the whole day?"

Vendor: "What to do, sir? Only by selling samosas like this every day do
We get a commission of 1 rupee for each samosa that we sell."

Me: "Oh, is that so ? How many samosas do you sell on an average each day?"
Vendor: "On peak week days, we sell 4,000 to 5,000 samosas per day.
On an average, we sell about 3,000 samosas a day."

I was speechless.....for a few seconds.
The guy says he sells 3,000 samosas a day; at  1 rupee each,
He makes about 3,000 rupees daily, or 90,000 rupees a month.
That's Rs. 90,000 a month. OMG.
I intensified my questioning and this time it was not for time pass.
Me: "Do you make the samosas yourself?"
Vendor: "No Sir. we gets the samosas through a samosa manufacturer
And we just sell them. After selling we give him the money
And gives us 1 rupee for each samosa that we sell."

I was unable to speak a single word more but the vendor continued...
"But one thing...most of our earnings are spent on living expenses here at Bombay.
Only with the remaining money are we able to take care of other business."

Me: "Other business? What is that?"

Vendor: "It is a land business. In 2007 I bought 1.5 acres in
Palghar for 10 lakh rupees and I sold it a few months back for 80 lakhs.
Now I have bought land in umroli for 40 lakh rupees."

Me: "What did you do with the remaining amount?

Vendor: "Of the remaining amount,
I have set aside 20 lakhs for my daughter's wedding.
I have deposited the other 20 lakhs in the bank, post office, mutual funds, gold and bought cash back insurance."

Me: "How much schooling have you had?"

Vendor: "I studied up to third standard;
I stopped my studies when I was in the 4th standard.
But I know how to read and write.
Sir, there are many people like yourself,
Who dress well, wear a tie and suit, wear shoes,
Speak English fluently and work in air-conditioned rooms.
But I don't think you guys earn as much
As we do wearing dirty clothes and selling samosas."

At this point, what could I reply. After all, I was talking to a
True Indian Millionaire! The train chugged into khar station
And the samosa vendor got up from his seat.

Vendor: "Sir, this is my station...have a good day."
Me: "Take care."
 
Welcome to the real India !!! 

LAWN DECORATION FOR WEDDING SXNA FLY

LAWN DECORATION FOR WEDDING S FLY

LAWN DECORATION FOR WEDDING SRMA FLY

LAWN DECORATION FOR WEDDING SNG FLY

LAWN DECORATION FOR WEDDING SKL FLY

LAWN DECORATION FOR WEDDING KTCH FLY

LAWN DECORATION FOR WEDDING KMK FLY

DECORATION FOR HOLY COMMUNION

DECORATION FOR HOLY COMMUNION STN FLY

Wednesday 20 April 2016

'देश' हमारा सोया है....!!!

एक ट्रक के पीछे लिखी 
ये पंक्ति झकझोर गई...!! 
 "हाॅर्न धीरे बजाओ मेरा 'देश' सो रहा है"...!!!

उस पर एक कविता इस प्रकार है कि.....

'अँग्रेजों' के जुल्म सितम से...   
फूट फूटकर 'रोया' है...!!
'धीरे' हाॅर्न बजा रे पगले....     
'देश' हमारा सोया है...!!

आजादी संग 'चैन' मिला है...
'पूरी' नींद से सोने दे...!!
जगह मिले वहाँ 'साइड' ले ले...
हो 'दुर्घटना' तो होने दे...!!
किसे 'बचाने' की चिंता में...
 तू इतना जो 'खोया' है...!!
'धीरे' हाॅर्न बजा रे पगले ...
'देश' हमारा सोया है....!!!

ट्रैफिक के सब 'नियम' पड़े हैं...
कब से 'बंद' किताबों में...!!
'जिम्मेदार' सुरक्षा वाले...
सारे लगे 'हिसाबों' में...!!
तू भी पकड़ा 'सौ' की पत्ती...
क्यों 'ईमान' में खोया है..?? 
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले...
'देश' हमारा सोया है...!!!

'राजनीति' की इन सड़कों पर...
सभी 'हवा' में चलते हैं...!!
फुटपाथों पर 'जो' चढ़ जाते...
वो 'सलमान' निकलते हैं...!!
मेरे देश की लचर विधि से...
'भला' सभी का होया है...!!
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले....
'देश' हमारा सोया है....!!!

मेरा देश है 'सिंह' सरीखा...
सोये तब तक सोने दे...!!
'राजनीति' की इन सड़कों पर...
नित 'दुर्घटना' होने दे...!!
देश जगाने की हठ में तू....
क्यूँ दुख में रोया है...!!
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले..
देश' हमारा सोया है....!!!

अगर देश यह 'जाग' गया तो..
जग 'सीधा' हो जाएगा....!!
पाक चीन 'चुप' हो जाएँगे....
और 'अमरीका' रो जायेगा...!!
राजनीति से 'शर्मसार' हो ....
'जन-गण-मन' भी रोया है..!!
धीरे हाॅर्न बजा रे पगले...
देश हमारा सोया है...!!!


माँ बाप

पिताजी के अचानक
आ धमकने से पत्नी तमतमा उठी
लगता है,
बूढ़े को पैसों की ज़रूरत आ पड़ी है,   

वर्ना यहाँ कौन आने वाला था...

अपने पेट का गड्ढ़ा भरता नहीं,
      घरवालों का कहाँ से भरोगे ?

मैं नज़रें बचाकर
    दूसरी ओर देखने लगा।

पिताजी नल पर हाथ-मुँह धोकर
    सफ़र,, की थकान दूर कर रहे थे।

इस बार मेरा हाथ 
   कुछ ज्यादा ही तंग हो गया।

बड़े बेटे का जूता फट चुका है।
वह स्कूल जाते वक्त रोज भुनभुनाता है।

पत्नी के इलाज के लिए 
 पूरी दवाइयाँ नहीं खरीदी जा सकीं।

बाबूजी को भी अभी आना था।

घर में बोझिल "चुप्पी" पसरी हुई थी

खाना खा चुकने पर,, पिताजी ने
मुझे पास बैठने का इशारा किया।

मैं शंकित था कि
कोई आर्थिक समस्या लेकर आये होंगे.

पिताजी कुर्सी पर उठ कर बैठ गए।
    एकदम बेफिक्र...!!!

“ सुनो ” कहकर
उन्होंने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा।

मैं सांस रोक कर 
  उनके मुँह की ओर देखने लगा।

रोम-रोम कान बनकर,,
अगला वाक्य सुनने के लिए चौकन्ना था।

वे बोले...
“ खेती के काम में घड़ी भर भी
 फुर्सत नहीं मिलती।
    इस बखत काम का जोर है।t

रात की गाड़ी से वापस जाऊँगा।
 
तीन महीने से तुम्हारी कोई 
चिट्ठी तक नहीं मिली... 

 जब तुम परेशान होते हो, 
तभी ऐसा करते हो।

उन्होंने जेब से 
सौ-सौ के पचास  नोट निकालकर
 मेरी तरफ बढ़ा दिए, “रख लो।
तुम्हारे काम आएंगे।

धान की फसल अच्छी हो गई थी।

घर में कोई दिक्कत नहीं है
 तुम बहुत कमजोर लग रहे हो।

ढंग से खाया-पिया करो।
     बहू का भी ध्यान रखो।

मैं कुछ नहीं बोल पाया।
शब्द जैसे मेरे हलक मे 
        फंस कर रह गये हों ।

मैं कुछ कहता 
इससे पूर्व ही पिताजी ने प्यार
से डांटा
“ले लो, बहुत बड़े हो गये हो क्या ..?”

“ नहीं तो।"   मैंने हाथ बढ़ाया।

 पिताजी ने नोट
    मेरी हथेली पर रख दिए। 

बरसों पहले
पिताजी मुझे स्कूल भेजने के लिए
  इसी तरह हथेली पर अठन्नी टिका देते थे,

पर तब मेरी नज़रें 
..आजकी तरह झुकी नहीं होती थीं।

🙏
दोस्तों एक बात हमेशा ध्यान रखे... 

माँ बाप अपने बच्चो पर
      बोझ हो सकते हैं 

बच्चे उन पर बोझ कभी नही होते है। 
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

- जन्म : दुसरो ने दिया,
- नाम : दुसरो ने  रखा,
- शिक्षा : दुसरो ने दी,
- रोजगार : दुसरो ने दिया, और . . . 
- शमशान : दुसरे ले जाऐँगे.

. . . तो व्यर्थ मेँ घमँड . . . 
- किस बात पर करते हैँ लोग.!


👉  😊 😊 😊 👈

Change Password

How a Password Changed my Life ... A true story from the Reader’s Digest ...

I was having a great morning until I sat down in front of my office computer. “your password has expired”, a server message flashed on my screen, with instructions for changing it...In my company we have to change password monthly..
I was deeply depressed after my recent divorce. Disbelief over what she had done to me was what I thought all day.
 I remembered a tip I’d heard from my former boss. He’d said, “I’m going to use a password that is going to change my life”. I couldn’t focus on getting things done in my current mood.. My password reminded me that I shouldn’t let myself be a victim of my recent breakup and that I was strong enough to do something about it.

I made my password – Forgive@her. I had to type this password several times every day, each time my computer would lock. Each time I came back from lunch I wrote forgive her. 
The simple action changed the way I looked at my ex-wife.. That constant reminder of reconciliation led me to accept the way things happened and helped me deal with my depression.. By the time the server prompted me to change my password following month, I felt free.

The next time I had to change my password I thought about the next thing that I had to get done. My password became Quit@smoking4ever .
It motivated me to follow my goal and I was able to quit smoking.

One month later, my password became Save4trip@europe, and in three months I was able to visit Europe.

Reminders helped me materialize my goals kept me motivated and excited. 
lt's sometimes difficult to come up with your next goal, keeping at it brings great results.

After a few months my password was 
lifeis#beauTiful  !!!

Life is going to change again.
💮💮💮💮💮💮💮💮

किसान

ये कहानी 
हर मध्यम व छोटे वर्ग किसान की है.
….
कहते हैं..
इन्सान सपना देखता है 
तो वो ज़रूर पूरा होता है.

मगर 
किसान के सपने 
कभी पूरे नहीं होते
बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है.

बड़ा खुश होते हुए जाता है.

बच्चों से कहता है 
आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा,

पत्नी से कहता है..
तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा.

पत्नी:–"अरे नही जी..!"
"ये तो अभी ठीक है..!"
"आप तो अपने लिये 
जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!"

जब 
किसान मंडी पहुँचता है .

ये उसकी मजबूरी है 
वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता.

व्यापारी 
उसके माल की कीमत
अपने हिसाब से तय करते हैं.

एक 
साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.

एक 
माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.

लेकिन किसान 
अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .

खैर..
माल बिक जाता है,
लेकिन कीमत 
उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.

माल तौलाई के बाद 
जब पेमेन्ट मिलता है.
वो सोचता है 
इसमें से दवाई वाले को देना है, खाद वाले को देना है, मज़दूर को देना है ,

अरे हाँ, 
बिजली का बिल 
भी तो जमा करना है.
सारा हिसाब 
लगाने के बाद कुछ बचता ही नहीं.

वो मायूस हो 
घर लौट आता है
बच्चे उसे बाहर ही इन्तज़ार करते हुए मिल जाते हैं.

"पिताजी..! पिताजी..!" कहते हुये उससे लिपट जाते हैं और पूछते हैं:-
"हमारे नये कपडे़ नहीं ला़ये..?"

पिता:–"वो क्या है बेटा..,
कि बाजार में अच्छे कपडे़ मिले ही नहीं,
दुकानदार कह रहा था 
इस बार दिवाली पर अच्छे कपडे़ आयेंगे तब ले लेंगे..!"

पत्नी समझ जाती है, फसल 
कम भाव में बिकी है,
वो बच्चों को समझा कर बाहर भेज देती है.

पति:–"अरे हाँ..!"
"तुम्हारी साड़ी भी नहीं ला पाया..!"

पत्नी:–"कोई बात नहीं जी, हम बाद में ले लेंगे लेकिन आप अपने जूते तो ले आते..!"

पति:– "अरे वो तो मैं भूल ही गया..!"

पत्नी भी पति के साथ सालों से है पति का मायूस चेहरा और बात करने के तरीके से ही उसकी परेशानी समझ जाती है
लेकिन फिर भी पति को दिलासा देती है .

और अपनी नम आँखों को साड़ी के पल्लू से छिपाती रसोई की ओर चली जाती है.

फिर अगले दिन 
सुबह पूरा परिवार एक नयी उम्मीद ,
एक नई आशा एक नये सपने के साथ नई फसल की तैयारी के लिये जुट जाता है.
….

ये कहानी 
हर छोटे और मध्यम किसान की ज़िन्दगी में हर साल दोहराई जाती है
…..

हम ये नहीं कहते 
कि हर बार फसल के
सही दाम नहीं मिलते,

लेकिन 
जब भी कभी दाम बढ़ें, मीडिया वाले कैमरा ले के मंडी पहुच जाते हैं और खबर को दिन में दस दस बार दिखाते हैं.

कैमरे के सामने शहरी महिलायें हाथ में बास्केट ले कर अपना मेकअप ठीक करती मुस्कराती हुई कहती हैं..
सब्जी के दाम बहुत बढ़ गये हैं हमारी रसोई का बजट ही बिगड़ गया.
………

कभी अपने बास्केट को कोने में रख कर किसी खेत में जा कर किसान की हालत तो देखिये.

वो किस तरह 
फसल को पानी देता है.

१५ लीटर दवाई से भरी हुई टंकी पीठ पर लाद कर छिङ़काव करता है,

२० किलो खाद की 
तगाड़ी उठा कर खेतों में घूम-घूम कर फसल को खाद देता है.

अघोषित बिजली कटौती के चलते रात-रात भर बिजली चालू होने के इन्तज़ार में जागता है.

चिलचिलाती धूप में 
सिर का पसीना पैर तक बहाता है.

ज़हरीले जन्तुओं 🦂🐍🐉
का डर होते भी 
खेतों में नंगे पैर घूमता है.
……

जिस दिन 
ये वास्तविकता 
आप अपनी आँखों से 
देख लेंगे, उस दिन आपके
किचन में रखी हुई सब्ज़ी, प्याज़, गेहूँ, चावल, दाल, फल, मसाले, दूध
सब सस्ते लगने लगेंगे.

Monday 18 April 2016

BIRTHDAY DECORATION OF EVAN FLY

चंद बातें।।

बहुत देखा जीवन में 
समझदार बन कर
पर ख़ुशी हमेशा 
पागलपन से ही मिली है ।।
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इसे इत्तेफाक समझो
या दर्द भरी हकीकत,
आँख जब भी नम हुई,
वजह कोई अपना ही था
-------------------------------------
"हमने अपने नसीब से ज्यादा
अपने दोस्तो पर भरोसा रखा है."
क्यूँ की नसीब तो बहुत बार
बदला है".
लेकिन मेरे दोस्त अभी भी वही है".
-------------------------------------
उम्रकैद की तरह होते हैं कुछ रिश्ते,
जहाँ जमानत देकर भी रिहाई मुमकिन नहीं...
-------------------------------------
दर्द को दर्द से न देखो,
दर्द को भी दर्द होता है,
दर्द को ज़रूरत है दोस्त की,
आखिर दोस्त ही दर्द में हमदर्द होता है...
------------------------------------------------
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो,
दर्द की शिद्दत...!
"दर्द तो दर्द" होता हैं,
थोड़ा क्या, ज्यादा क्या...!!
------------------------------------------------
"दिन बीत जाते हैं सुहानी यादें बनकर,
बातें रह जाती हैं कहानी बनकर,
पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे,
कभी मुस्कान तो कभी आखों का पानी बन कर.
------------------------------------------------
वक़्त बहुत कुछ, छीन लेता है ...
खैर मेरी तो सिर्फ़ मुस्कुराहट थी ....!!
-------------------------------------------------
क्या खूब लिखा है :
"कमा के इतनी दौलत भी मैं 
अपनी "माँ" को दे ना पाया,.:::::
के जितने सिक्कों से "माँ" 
मेरी नज़र उतारा करती थी..."
---------------------------------------------------
गलती कबूल करने और
गुनाह छोड़ने में कभी देर ना करें......!
क्योकिं
सफर जितना लम्बा होगा
वापसी उतनी मुश्किल हो जायेगी...!!
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इंसान बिकता है ...
कितना महँगा या सस्ता ये
उसकी मजबूरी तय करती है...!
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"शब्द दिल से निकलते है
दिमाग से तो मतलब निकलते है."..
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सब कुछ हासिल नहीं होता 
ज़िन्दगी में यहाँ....
.
किसी का "काश" तो 
किसी का "अगर" छूट ही जाता है...!!!!
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दो अक्षर की "मौत" और 
तीन अक्षर के "जीवन" में ....
ढाई अक्षर का "दोस्त" 
बाज़ी मार जाता हैं

😑 कुछ रह तो नहीं गया?

😑 "अरे सब सामान ले लिया क्या? बस में किसी का कुछ रह तो नहीं गया?

"जी सर, सब ले  लिया।" स्कूल ट्रिप से वापिस आये सब बच्चे एक साथ चिल्लाये। और बस से उतरकर घर की तरफ दौड़ गए।

"सर, फिर भी बस में देख लेना।"
हेडमास्टर जी का हुकुम होते ही सर वापिस बस में गए । बस में नजर घुमाते ही पता चला बहुत कुछ रह गया है पीछे। वेफर्स, चॉकलेट के रैपर्स और कोल्ड ड्रिंक, पानी की खाली बोतलें पड़ी थी । जब तक ये भरे थे, तब तक ये अपने थे । खाली होते ही ये अपने नहीं रहे । जितना हो सके, सर ने कैरी बैग में भर दिया और बस से उतरने लगे,
"कुछ रह तो नहीं गया ?" हेडमास्टर के फिर से सवाल पूछने पर सर ने हँस के नहीं का इशारा किया ।
पर अब सर का मन "कुछ रह तो नहीं गया?" इस सवाल के इर्द गिर्द घूमने लगा। जिंदगी के हर मोड़पर अलग अलग रूप में यही सवाल परेशान करता है।
इस सवाल की व्यापकता  इतनी बड़ी होगी ये सर को अभी पता चला ...
😑 बचपन गुजरते गुजरते कुछ खेल खेलना रह तो नहीं  गया?

😑 जवानी में किसी को चाहा पर जताने की हिम्मत नहीं हुई... कुछ रह तो नहीं  गया?

😑 जिंदगी के सफ़र में चलते चलते हर मुकाम पर यही सवाल परेशान करता रहा.... कुछ रह तो नहीं गया?

😑 3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जानेवाली माँ को दाई ने पूछा... कुछ रह तो नहीं  गया? पर्स, चाबी सब ले लिया ना?
अब वो कैसे हाँ कहे? पैसे के पीछे भागते भागते... सब कुछ पाने की ख्वाईश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है, वह ही रह गया है.....

😑 शादी में दुल्हन को बिदा करते ही शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा..."भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना? चेक करो ठीक से..
बाप चेक करने गया तो दुल्हन के रूम में कुछ फूल सूखे पड़े थे। सब कुछ तो पीछे रह गया... 25 साल जो नाम लेकर जिसको आवाज देता था लाड़ से... वो नाम पीछे रह गया और उस नाम के आगे गर्व से जो नाम लगाता था वो नाम भी पीछे रह गया अब ...

"भैया, देखा? कुछ पीछे तो नहीं रह गया?" बुआ के इस सवाल पर आँखों में आये आंसू छुपाते बाप जुबाँ से तो नहीं बोला....  पर दिल में एक ही आवाज थी... सब कुछ तो यही  रह गया...
😑 बडी तमन्नाओ के साथ बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था और वह पढ़कर वहीं सैटल हो गया , पौत्र जन्म पर बमुश्किल 3  माह का वीजा मिला था और चलते वक्त बेटे ने प्रश्न किया सब कुछ चैक कर लिया कुछ रह तो नही गया? क्या जबाब देते कि अब छूटने को बचा ही क्या है...
😑 60 वर्ष पूर्ण कर सेवानिवृत्ति  की शाम पी ए ने याद दिलाया चेक कर लें सर, कुछ रह तो नही गया ; थोडा रूका और सोचा पूरी जिन्दगी तो यही आने- जाने मे बीत गई ; अब और क्या रह गया होगा ।
😑 "कुछ रह तो नहीं गया?" शमशान से लौटते वक्त किसी ने पूछा । नहीं कहते हुए वो आगे बढ़ा... पर नजर फेर ली, एक बार पीछे देखने के लिए.... पिता  की चिता की सुलगती आग देखकर मन भर आया । भागते हुए गया, पिता के चेहरे की झलक तलाशने की असफल कोशिश की और वापिस लौट आया ।।
दोस्त ने पूछा... कुछ रह गया था क्या?
भरी आँखों से बोला... नहीं कुछ भी नहीं रहा अब... और जो कुछ भी रह गया है वह सदा मेरे साथ रहेगा ।।
😑 एक बार समय निकालकर सोचें, शायद पुराना समय याद आ जाए, आंखें भर आएं और आज को जी भर जीने का मकसद मिल जाए।।

Saturday 2 April 2016

Dedicated to all the fathers in the world !

How important 
is a father in one’s life?

Mothers are the Soul of our homes... whereas fathers are their very existence.

But have we ever given much thought to the nature of this 
existence?

Little is written or said about fathers, even though we understand their value in our lives.

We hardly ever hear anyone talk about fathers. .. 
Mothers are made of an ocean of tears. Fathers are a wall of self-control.

Mothers relieve their pain through tears, fathers only console, and it is harder to console than it is to cry. 

Surely the candlestick is hotter than the flame, yet
it is always the flame which gets the praise.

We remember mothers as the ones who took care of our daily needs, yet how easily we forget fathers, who arrange finances for daily needs!

Mothers can cry uncontrollably in public, and fathers sob in their pillows at night.

Mothers are allowed to cry; fathers can never be seen in tears.

We can notice the patches on his shoes. His tattered vest is a sure sign of the struggle he gone through. His unshaven beard is a sign of his frugality. He will buy new pairs of expensive jeans for his children, while an old pair of pyjamas will do for him.

While children don’t blink an eyelid when they spend 1000's of Rs in a beauty parlour or salon, yet in their own home, a father may be using whatever is at home to avoid any salon or parlour visits. 

When a father is ill, he does 
not rush to the doctor. He does not fear his illness
but is afraid in case the doctor tells him to rest for a month, as there will be no other bread earner in the family.

Whether he can afford it 
or not, he works hard to get his son admitted to an
engineering or medical course.
Despite the shortage of funds he send money regularly to his child at university even some children go on a gala spending spree on the same day the money arrives.

The Father is the existence of the 
home. The home is secure from outsiders when a father, in the form of its manger, is alive. He holds the position of the chief executive of the household. He sees, repairs and cares for jobs around the house.

When you announce your exam results, it seems that mother is the closest person to you because she takes you in her arms, praises you and blesses you, but no one notices the father who quietly slips away to the sweet shop to get sweets to distribute among family and friends...

God made paradise under the feet of your mother but he made the father take care of the thorns under your feet.... 

 Salute to All Fathers of the world.

सबसे अच्छी भाषा ‘संस्कृत’ !!!

Mind Blowing Facts about Sanskrit
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• Sanskrit has the highest number of vocabularies than any other language in the world.

• 102 arab 78 crore 50 lakh words have been used till now in Sanskrit. If it will be used in computers & technology, then more these number of words will be used in next 100 years.

• Sanskrit has the power to say a sentence in a minimum number of words than any other language.

• America has a University dedicated to Sanskrit and the NASA too has a department in it to research on Sanskrit manuscripts.

• Sanskrit is the best computer friendly language.(Ref: Forbes Magazine July 1987).

• Sanskrit is a highly regularized language. In fact, NASA declared it to be the “only unambiguous spoken language on the planet” – and very suitable for computer comprehension.

• Sanskrit is an official language of the Indian state of Uttarakhand.

• There is a report by a NASA scientist that America is creating 6th and 7th generation super computers based on Sanskrit language. Project deadline is 2025 for 6th generation and 2034 for 7th generation computer. After this there will be a revolution all over the world to learn Sanskrit.

• The language is rich in most advanced science, contained in their books called Vedas, Upanishads, Shruti, Smriti, Puranas, Mahabharata, Ramayana etc. (Ref: Russian State University, NASA etc. NASA possesses 60,000 palm leaf manuscripts, which they are studying.)

• Learning of Sanskrit improves brain functioning. Students start getting better marks in other subjects like Mathematics, Science etc., which some people find difficult. It enhances the memory power. James Junior School, London, has made Sanskrit compulsory. Students of this school are among the toppers year after year. This has been followed by some schools in Ireland also.

• Research has shown that the phonetics of this language has roots in various energy points of the body and reading, speaking or reciting Sanskrit stimulates these points and raises the energy levels, whereby resistance against illnesses, relaxation to mind and reduction of stress are achieved.

• Sanskrit is the only language, which uses all the nerves of the tongue. By its pronunciation, energy points in the body are activated that causes the blood circulation to improve. This, coupled with the enhanced brain functioning and higher energy levels, ensures better health. Blood Pressure, diabetes, cholesterol etc. are controlled. (Ref: American Hindu University after constant study)

• There are reports that Russians, Germans and Americans are actively doing research on Hindu’s sacred books and are producing them back to the world in their name. Seventeen countries around the world have a University or two to study Sanskrit to gain technological advantages.

• Surprisingly, it is not just a language. Sanskrit is the primordial conduit between Human Thought and the Soul; Physics and Metaphysics; Subtle and Gross; Culture and Art; Nature and its Author; Created and the Creator.

• Sanskrit is the scholarly language of 3 major World religions – Hinduism, Buddhism (along with Pali) and Jainism (second to Prakrit). 

• Today, there are a handful of Indian villages (in Rajasthan, Madhya Pradesh, Orissa, Karnataka and Uttar Pradesh) where Sanskrit is still spoken as the main language. For example in the village of Mathur in Karnataka, more than 90% of the population knows Sanskrit. Mathur/Mattur is a village 10 kms from Shimoga speaks Sanskrit on daily basis (day-to-day communication).

• Even a Sanskrit daily newspaper exists! Sudharma, published out of Mysore, has been running since 1970 and is now available online as an e-paper (sudharma.epapertoday.com)!

• The best type of calendar being used is hindu calendar(as the new year starts with the geological change of the solar system)
ref: german state university

• The UK is presently researching on a defence system based on Hindu’s shri chakra.

• Another interesting fact about Sanskrit language was that the process of introducing new words into the language continued for a long period until it was stopped by the great grammarian Panini who wrote an entire grammar for the language laying down rules for the derivation of each and every word in Sanskrit and disallowed the introducing of new words by giving a full list of Roots and Nouns. Even after Panini, some changes occur which were regularised by Vararuchi and finally by Patanjali. Any infringement of the rules as laid down by Patanjali was regarded as a grammatical error and hence the Sanskrit Language has remained in same without any change from the date of Patanjali (about 250 B.C.) up to this day.

• संस्कृत is the only language in the world that exists since millions of years. Millions of languages that emerged from Sanskrit are dead and millions will come but Sanskrit will remain eternal. It is truly language of Bhagwan. Wealth of information on Sanskrit language. 👌👌👌 👆👆👆 Shows how India lags behind the Americans in this matter. We Indians are reading sacred texts, performing pujas for various religious festivals throughout the year. So we will not be lying if we say Sanskrit as also one of the languages in the next Census excercise without forgetting, thus help save our own language from disappearing & doing our bit for the language. 

1). क्या अंग्रेजी अंतर्राष्ट्रीय भाषा है?:: दुनिया में इस समय 204 देश हैं और मात्र 12 देशों में अँग्रेजी बोली, पढ़ी और समझी जाती है। संयुक्त राष्ट संघ जो अमेरिका में है वहां की भाषा अंग्रेजी नहीं है, वहां का सारा काम फ्रेंच में होता है। अंग्रेजों की बाइबिल है वो भी अंग्रेजी में नहीं थी और ईशा मसीह अंग्रेजी नहीं बोलते थे। ईशा मसीह की भाषा और बाइबिल की भाषा अरमेक थी। अरमेक भाषा की लिपि जो थी वो हमारे बंगला भाषा से मिलती जुलती थी, समय के कालचक्र में वो भाषा विलुप्त हो गयी। पूरी दुनिया में जनसंख्या के हिसाब से सिर्फ 3% लोग अँग्रेजी बोलते हैं। इस हिसाब से अंतर्राष्ट्रीय भाषा चाइनिज हो सकती है क्यूंकी ये दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाती है और दूसरे नंबर पर हिन्दी हो सकती है।
2. क्या अँग्रेजी बहुत समृद्ध भाषा है?:: किसी भी भाषा की समृद्धि इस बात से तय होती है की उसमें कितने शब्द हैं और अँग्रेजी में सिर्फ 12,000 मूल शब्द हैं बाकी अँग्रेजी के सारे शब्द चोरी के हैं या तो लैटिन के, या तो फ्रेंचके, या तो ग्रीक के, या तो दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों की भाषाओं के हैं। आपने भी काफी बार किसी अँग्रेजी शब्द के बारे मे पढ़ा होगा ! ये शब्द यूनानी भाषा से लिया गया है ! ऐसी ही बाकी शब्द है !
उदाहरण: अँग्रेजी में चाचा, मामा, फूफा, ताऊ सब UNCLE चाची, ताई, मामी, बुआ सब AUNTY क्यूंकी अँग्रेजी भाषा में शब्द ही नहीं है। जबकि गुजराती में अकेले 40,000 मूल शब्द हैं। मराठी में 48000+ मूल शब्द हैं जबकि हिन्दी में 70000+ मूल शब्द हैं। कैसे माना जाए अँग्रेजी बहुत समृद्ध भाषा है ?? अँग्रेजी भाषा के नियम कभी एक से नहीं होते। दुनिया में सबसे अच्छी भाषा वो मानी जाती है जिसके नियम हमेशा एक जैसे हों, जैसे: संस्कृत। अँग्रेजी में आज से 200 साल पहले This की स्पेलिंग Tis होती थी।
अँग्रेजी में 250 साल पहले Nice मतलब बेवकूफ होता था और आज Nice मतलब अच्छा होता है। अँग्रेजी भाषा में Pronunciation कभी एक सा नहीं होता। Today को ऑस्ट्रेलिया में Todie बोला जाता है जबकि ब्रिटेन में Today. अमेरिका और ब्रिटेन में इसी बात का झगड़ा है क्योंकि अमेरीकन अँग्रेजी में Zका ज्यादा प्रयोग करते हैं और ब्रिटिश अँग्रेजी में S का, क्यूंकी कोई नियम ही नहीं है और इसीलिए दोनों ने अपनी अपनी अलग अलग अँग्रेजी मान ली।
3. क्या अँग्रेजी नहीं होगी तो विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई नहीं हो सकती?:: दुनिया में 2 देश इसका उदाहरण हैं की बिना अँग्रेजी के भी विज्ञान और तकनीक की पढ़ाई होटी है- जापान और फ़्रांस । पूरे जापान में इंजीन्यरिंग, मेडिकल के जीतने भी कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं सबमें पढ़ाई”JAPANESE” में होती है, इसी तरह फ़्रांस में बचपन से लेकर उच्चशिक्षा तक सब फ्रेंच में पढ़ाया जाता है।
हमसे छोटे छोटे, हमारे शहरों जितने देशों में हर साल नोबल विजेता पैदा होते हैं लेकिन इतने बड़े भारत में नहीं क्यूंकी हम विदेशी भाषा में काम करते हैं और विदेशी भाषा में कोई भी मौलिक काम नहीं किया जा सकता सिर्फ रटा जा सकता है। ये अँग्रेजी का ही परिणाम है की हमारे देश में नोबल पुरस्कार विजेता पैदा नहीं होते हैं क्यूंकी नोबल पुरस्कार के लिए मौलिक काम करना पड़ता है और कोई भी मौलिक काम कभी भी विदेशी भाषा में नहीं किया जा सकता है। नोबल पुरस्कार के लिए P.hd, B.Tech, M.Tech की जरूरत नहीं होती है। उदाहरण: न्यूटन कक्षा 9 में फ़ेल हो गया था, आइंस्टीन कक्षा 10 के आगे पढे ही नही और E=hv बताने वाला मैक्स प्लांक कभी स्कूल गया ही नहीं। ऐसी ही शेक्सपियर, तुलसीदास, महर्षि वेदव्यास आदि के पास कोई डिग्री नहीं थी, इन्होने सिर्फ अपनी मात्र भाषा में काम किया।
क्या आप जानते हैं जापान ने इतनी जल्दी इतनी तरक्की कैसे कर ली ? क्यूंकी जापान के लोगों में अपनी मात्र भाषा से जितना प्यार है उतना ही अपने देश से प्यार है। जापान के बच्चों में बचपन से कूट- कूट कर राष्ट्रीयता की भावना भरी जाती है।
* जो लोग अपनी मात्र भाषा से प्यार नहीं करते वो अपने देश से प्यार नहीं करते सिर्फ झूठा दिखावा करते हैं। *
दुनिया भर के वैज्ञानिकों का मानना है की दुनिया में कम्प्युटर के लिए सबसे अच्छी भाषा ‘संस्कृत’ है। सबसे ज्यादा संस्कृत पर शोध इस समय जर्मनी और अमेरिका चल रही है। नासा ने ‘मिशन संस्कृत’ शुरू किया है और अमेरिका में बच्चों के पाठ्यक्रम में संस्कृत को शामिल किया गया है। सोचिए अगर अँग्रेजी अच्छी भाषा होती तो ये अँग्रेजी को क्यूँ छोड़ते ।