Wednesday 20 April 2016

माँ बाप

पिताजी के अचानक
आ धमकने से पत्नी तमतमा उठी
लगता है,
बूढ़े को पैसों की ज़रूरत आ पड़ी है,   

वर्ना यहाँ कौन आने वाला था...

अपने पेट का गड्ढ़ा भरता नहीं,
      घरवालों का कहाँ से भरोगे ?

मैं नज़रें बचाकर
    दूसरी ओर देखने लगा।

पिताजी नल पर हाथ-मुँह धोकर
    सफ़र,, की थकान दूर कर रहे थे।

इस बार मेरा हाथ 
   कुछ ज्यादा ही तंग हो गया।

बड़े बेटे का जूता फट चुका है।
वह स्कूल जाते वक्त रोज भुनभुनाता है।

पत्नी के इलाज के लिए 
 पूरी दवाइयाँ नहीं खरीदी जा सकीं।

बाबूजी को भी अभी आना था।

घर में बोझिल "चुप्पी" पसरी हुई थी

खाना खा चुकने पर,, पिताजी ने
मुझे पास बैठने का इशारा किया।

मैं शंकित था कि
कोई आर्थिक समस्या लेकर आये होंगे.

पिताजी कुर्सी पर उठ कर बैठ गए।
    एकदम बेफिक्र...!!!

“ सुनो ” कहकर
उन्होंने मेरा ध्यान अपनी ओर खींचा।

मैं सांस रोक कर 
  उनके मुँह की ओर देखने लगा।

रोम-रोम कान बनकर,,
अगला वाक्य सुनने के लिए चौकन्ना था।

वे बोले...
“ खेती के काम में घड़ी भर भी
 फुर्सत नहीं मिलती।
    इस बखत काम का जोर है।t

रात की गाड़ी से वापस जाऊँगा।
 
तीन महीने से तुम्हारी कोई 
चिट्ठी तक नहीं मिली... 

 जब तुम परेशान होते हो, 
तभी ऐसा करते हो।

उन्होंने जेब से 
सौ-सौ के पचास  नोट निकालकर
 मेरी तरफ बढ़ा दिए, “रख लो।
तुम्हारे काम आएंगे।

धान की फसल अच्छी हो गई थी।

घर में कोई दिक्कत नहीं है
 तुम बहुत कमजोर लग रहे हो।

ढंग से खाया-पिया करो।
     बहू का भी ध्यान रखो।

मैं कुछ नहीं बोल पाया।
शब्द जैसे मेरे हलक मे 
        फंस कर रह गये हों ।

मैं कुछ कहता 
इससे पूर्व ही पिताजी ने प्यार
से डांटा
“ले लो, बहुत बड़े हो गये हो क्या ..?”

“ नहीं तो।"   मैंने हाथ बढ़ाया।

 पिताजी ने नोट
    मेरी हथेली पर रख दिए। 

बरसों पहले
पिताजी मुझे स्कूल भेजने के लिए
  इसी तरह हथेली पर अठन्नी टिका देते थे,

पर तब मेरी नज़रें 
..आजकी तरह झुकी नहीं होती थीं।

🙏
दोस्तों एक बात हमेशा ध्यान रखे... 

माँ बाप अपने बच्चो पर
      बोझ हो सकते हैं 

बच्चे उन पर बोझ कभी नही होते है। 
🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷

- जन्म : दुसरो ने दिया,
- नाम : दुसरो ने  रखा,
- शिक्षा : दुसरो ने दी,
- रोजगार : दुसरो ने दिया, और . . . 
- शमशान : दुसरे ले जाऐँगे.

. . . तो व्यर्थ मेँ घमँड . . . 
- किस बात पर करते हैँ लोग.!


👉  😊 😊 😊 👈

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