Sunday, 27 September 2020

हवन

॥हवन॥ 

मेरे जीवन के प्रत्येक जन्म वर्ष पर हवन हुआ।

पूर्वजों का श्राद किय तो हवन हुआ। 

घर में कथा करवाई तो हवन हुआ। 

बुरी शक्तियों को खदेड़ने के लिए हवन हुआ। 

मन की शुद्धि आत्मा की शुध्दि के लिए हवन हुआ। 

नवीन घर के गृह प्रवेश पर हवन हुआ। 

मेरे व्यवसाय का आरम्भ हुआ तो हवन हुआ। 

पहली बार केश कटे तो हवन हुआ। 

नामकरण हुआ तो हवन हुआ।

जन्म हुआ तो हवन हुआ। 

शादी हुई तो हवन हुआ। 

खुशियाँ आईं तो हवन हुआ। 

संकट आया तो हवन हुआ। 

बच्चे हुए तो हवन हुआ।

वेदों और ब्राह्मण ग्रंथों ईश्वर के अनुसार हवन संसार का सर्वोत्तम व पवित्र कर्म है जिसके करने से सुख ही सुख बरसता है।


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