Sunday 29 November 2020

किसान बिल

मोमिन नज़ीर मुहमद पगड़ी पहन सिख बनने का ढोंग कर इस फर्जी किसान आंदोलन में उत्पात मचाने हेतु सम्मिलित हुआ है, 

तो वहीं दूसरी ओर ₹500 दिहाड़ी लेकर शाहीन बाग में बैठने वाली वृद्ध मोमिना इस बार किसान बनने की नौटंकी कर इस आंदोलन में पंजाब से आई एक सिख वृद्धा बनने का स्वांग रच रही है।

क्रोनोलॉजी समझिए, इन लोगों का किसी भी बिल, किसी भी कानून और किसानों से कोई लेना देना नहीं है:-

इनके हथकंडे वही शाहीन बाग वाले हैं, 
इनका आचरण भी वही शाहीन बाग  वाला है,  
इनकी हरकतें भी वही शाहीन बाग वाली है, 
इनके मूवमेंट भी शाहीन बाग वाले हैं,
इनके स्पॉन्सर भी वही शाहीन बाग वाले हैं, और 

इनका उद्देश्य भी वही शाहीन बाग वाला है।




पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन का मुख्य कर्ताधर्ता है केवल दो साल पहले अस्तित्व में आया एक नया किसान संगठन "भारतीय किसान यूनियन -एकता उग्राह"। मात्र दो सालों में ये पंजाब का सबसे बड़ा संगठन बन गया। इसका पीले रंग का झंडा है, जिस पर बैलो से हल जोतते हुए किसान की तस्वीर है।

पर जब इस संगठन के बारे में और पता किया तो सब कुछ उल्टा पुल्टा नज़र आया। दरअसल ये संगठन के लोग NRC-CAA विरोध में शाहीनबाग में हुए प्रदर्शनों में बढ़ चढ़ कर शामिल हुए थे।नागरिकता कानून में किसानों का क्या काम? जबकि किसी nrc/caa के किसी फॉर्मेट में इनका नाम तक नही। शाहीनबाग में लंगर चलाते हुए जिन सिंखो की तस्वीरें वायरल हुई थी वे सब इसी किसान संगठन से जुड़े हुए थे। भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राह ने पंजाब में भी अनेको जगह CAA NRC के खिलाफ प्रदर्शन किए थे। पुरषो में पीली पगड़ी और महिलाओं में पीली चुन्नी इनकी पहचान है। सुनने में आता है कि ये बेहद धनवान संगठन है जिसमे पंजाब के लगभग सभी बड़े जमीदार शामिल है।

शाहीनबाग में इस संगठन की उपस्थिति, मात्र दो सालों में पूरे पंजाब का सबसे बड़ा किसान संगठन बन जाना।ये कुछ ठीक नही। हम सब जानते है कि हमारे दुष्ट पड़ोसी के भी पंजाब में अपने स्वार्थ है और देश के भीतर बैठी एक पूरी जमात पिछले 6 सालों से ये चाहती आई है कि ये हर ऐसा आंदोलन हिंसक हो जाये, सरकार कुछ गोली वोली चलवा ताकि इन्हें अपना देश की तोड़ने बांटने के एजेंडे को बल मिले और मोदी को खत्म करने का रास्ता बने। ऐसे में इस नाजुक मामले को देखते हुए सरकार को बातचीत में इन्हें एंगेज करना चाहिए। बलप्रयोग पंजाब में हालात को और खराब ही कर देगा। यंहा किसान आंदोलन के साथ साथ मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का भी है।

विकास बालियान के FB से कुछ फ़ोटो यहां अटेच है। इनमें ज्यादातर भारतीय किसान यूनियन-एकता उग्राह के शाहीनबाग में शामिल होने की है।

किसानों के नाम पर देश में शाहीन बाग की तर्ज पर अलग अलग जगह आंदोलन के नाम पर लोगों को मरवाने कि कांग्रेसियों की साज़िश शुरू।

इस साज़िश का भांडा फोड़।  

ये पूरे देश मे आग लगाने की कोशिश है।  

विपक्ष को पूरी तरह पता है कि सरकार इस को रोकने के लिए पूरी जान लगा देगी ।

विपक्ष चाहता है कि पुलिस कार्यवाही में लोग मारे जाएं और फिर वो उनकी लाश पर राजनीति कर पूरे देश के किसानों को सरकार के खिलाफ कर सके ।

चैनल्स को जम के पैसा दे दिया गया कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अन्नदाता कह कर सहानुभूति इकट्ठा कर इनके पक्ष में माहौल बनाओ , 

चैनल आपको ये नहीं बताएंगे की आंदोलन की आड़ में , ट्रेन की पटरी पर बैठ जाएंगे , पूरे उत्तर भारत का पर्यटन , यातायात , ठप्प कर देंगे और ये ही लोग कुछ दिन बाद जीडीपी पर ज्ञान देंगे।  

ये आंदोलन भी गुर्जर आंदोलन की तरह सरकार को विकास से पीछे धकेलने की साज़िश है ।

केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि किसानों को आंदोलन करने से रोका जा रहा है। 

समझ जाइए की आंदोलन के पीछे इनका कौन सा हित पूरा हो रहा है, किसानों के दिल्ली जाम करने से इनको क्या मिलने वाला है। 

केजरीवाल किसान आंदोलन के नाम पर पंजाब के किसानों में अपनी पैठ बनाना चाहता है। 

विपक्ष को समझ आ गया है कि 

केंद्र सरकार किसानों को किसान निधि , यूरिया की नीम कोटिंग ,बैंक से लोन , और अब पूरे देश के किसानों की ज़मीनों की ड्रोन द्वारा रजिस्ट्री करवा कर पूरे देश के किसानों के हितों की रक्षा कर रही है , 

और 

देश का किसान सरकार के किसान बिल से भी खुश है सिवाय उन आढ़तियों और दलालों के पूरे देश के किसान को किसान बिल से कोई दिक्कत नहीं है ।

ये जो किसान बन कर देश जलाने की साज़िश करने आए हैं , ये कांग्रेसी कार्यकर्ता है , बिचौलिए है , आढ़ती है और कुछ आपिए या विरोधी भी है जो चाहते हैं कि देश के किसानों में गलत संदेश जाए ,

लेकिन इन सबकी साज़िश लोग समझ चुके हैं

कोंग्रेस ने पिछले कार्यकाल में किसानों के लिए कुछ किया होता तो आज किसान खुदकुशी नहीं कर रहा होता , आज किसानों को गरीबी से ऊपर उठाने की कोशिश हो रही है तो इनको दिक्कत हो रही है ।

सरकार को ऐसे साज़िश भरे आंदोलन को कठोरता से कुचलना चाहिए और जो नेता बने है उनकी आईडी चैक कर असलियत पता करनी चाहिए। 


Is 'Farmer's Protest' a New Shaheen Bag?

Let's connect the dots.

1. Farmers Protesting are raising Pro-Khalistan slogans, using Bhinderwala's posters, abusing Hindus & giving Pro-Khalistani Speeches.

Isn't it the same as the PFI funded Shaheen Bag?

It's Pakistan Supported Pro Khalistan Movement.

2. These Farmers have ration for at least 6 Months & good quality tents. Why this level of planning? Can unorganized farmers do such level of planning who claiming to fight for 4-5 ₹ difference in price?

Isn't it the same like Shaheen Bag?

3. AAP refused permission to CRPF to turn stadiums into temporary jails. Isn't it the same as AAP's Leaders like Amantullah Khan Supported Shaheen Bag & also Kejriwal indirectly helped the Protest?

4. Farmers Bills do clearly says that it's not gonna affect old system but will also benefit to the farmers but again Congress started it's fake News Propaganda like it does in Anti-CAA Protests. So again Congress used Farmers as face like they used Dadis in Shaheen Bag.

5. All the 'Celebrities' especially Punjabi, started their PR machine to support these Protests at the time when these Protests just started and didn't even made big news Isn't it the same as Bollywood Supported Shaheen Bag?

6. Same 'Loktantra khatre me hai Sanvidhan bachao' and all things are being said for these Protests. Isn't it similar to S.B.?

7. They choose Jantar Mantar as the location to Protest.

Why?

In Shaheen Bag Protests the thing which made them infamous was the selection of the location. Supreme Court asked them to shift to Jantar Mantar because S.B. is troubling common people.

And now when they choose the location suggested by SC then how someone will challenge the Protests?

8. Farmers live in the whole India but why these bills just triggered Farmers of Punjab when in Farmers in other parts are happy & thanking the govt for it? That too after months like Shaheen Bag?

There are so many other points also but I think these are enough to prove it that it's an another well planned conspiracy in collaboration by Pakistan, Leftists & Congress because Modi is the Only target of all these.

https://twitter.com/Wo_Sharma_Ji/status/1332233628491927552?s=08



हम किसानो के साथ तो है परन्तु देश दुरोहियो के साथ नही है – राष्ट्रिय सैनिक संस्था 

30 नवम्बर 2020 , मुख्यालय राष्ट्रीय सैनिक संस्था , 133 बी मोडल टाउन ईस्ट , गाज़ियाबाद – आज यहाँ राष्ट्रिय सैनिक संस्था की एक राष्ट्रिय वेबिनार में देशभर के सभी सदस्य पूर्व सैनिको एवं देश भक्त नागरिको ने कहा की हम सब किसानो के बेटे है और उनके साथ हैं  परन्तु हम किसानो के आन्दोलन में असामाजिक तत्वों , नागरिकता कानून के विरोधियो , कट्टर मुसलमानों और देश के विरुद्ध बात करने वाले लोगों का समर्थन नही करते , बल्कि उनका विरोध करते है |

राष्ट्रिय सैनिक संस्था के पदाधिकारी और किसान नेता मनवीर सिंह तेवतिया ने कहा की असल समस्या कृषि कानून की नहीं है बल्कि किसानो को दिए गये उधार , बिजली और प्राइवेट संस्थानों द्वारा ठेके पर ली गई किसानो की जमीं की है | इस सम्बन्ध में समस्याओं के समाधान के लिए सरकार को बताया जायेगा |

राष्ट्रिय सैनिक संस्था के राष्ट्रिय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त  कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा की क्या देश के 27 प्रदेशो में किसान नही रहते | वो यहाँ क्यों नही आयें | यहाँ ज्यादातर आड़ती हैं  ,  या दलाल हैं , या खालीस्तानी है , या पंजाब के वो लोग हैं जिनका कमीशन इन कृषि के कानूनो द्वारा बंद हो गया है |

राष्ट्रिय सैनिक संस्था के दिल्ली प्रदेश के संयोजक श्री राजीव जोली खोसला ने कहा की हमे तो ये विपक्षी दलों का एक षडयन्त्र लग रहा हैं | ऐसा प्रतीत होता है जैसे इन लोगों का देश में दंगा फैलाने का इरादा है 

राष्ट्रिय सैनिक संस्था की राष्ट्रिय काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य मेजर सुशिल गोयल , कलकत्ता से श्री अशोक जैन , कश्मीर से मौलाना मकबूल मलिक , मुंबई से विजय मिश्रा ने कहा की राष्ट्रिय सैनिक संस्था आवश्यकता पड़ने पर किसानो के साथ खड़ी होगी और उनमे छुपे हुए दलालों का पर्दाफास भी करेगी | 

इस अवसर पर सर्वेश मित्तल , सतेंद्रा , उर्वशी वालिया , डा दयानंद तिवारी , हर्ष मोदी , मोहम्मद मकबूल मलिक , प्रतिक चौहान , चेतना सेनी , स्वाति बंसल , काजोल गौतम आदि ने भी किसानो का तो समर्थन किया परन्तु आन्दोलन के तरीके का नही |

उर्वशी वालिया , प्रदेश अध्यक्ष , दिल्ली , महिला विंग , राष्ट्रिय सैनिक संस्था


1 ,    सबसे अधिक गेहूँ कहाँ उगता है ? - पंजाब में । 

सबसे अधिक गेहूं कौन खरीदता है ? - 

FCI 

FCI किससे खरीदता है ? - बड़े बड़े आड़तियों से ।

पंजाब की सबसे बड़ी आड़ती कंपनी कौन है ? - सुखविंदर एग्रो 

सुखविंदर एग्रो किसकी कंपनी है ?- हरप्रीत बादल की। 

2 .     सबसे अधिक गेहूं कहाँ सड़ता है ?- FCI के गोडाउन में ।

सड़ा हुआ गेहूं कहाँ काम आता है ? - सड़ा हुआ गेहूँ शराब बनाने में काम आता है ।

सड़ा गेहूँ कौन बेचता है और वह भी सबसे कम दाम पर ? - FCI बेचता है ।

सबसे अधिक शराब की खपत कहाँ होती है ? - पंजाब में । 

हमेशा "खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय" किसके पास रहता है ? - हरप्रीत बादल के पास रहता है। 

3 .     ऐसा ही सब कुछ महाराष्ट्र में भी चल रहा है ।

शराब की भट्टियां किसकी हैं ? - कांग्रेस + एनसीपी के नेताओं की । 

चीनी के कारखाने किसके कब्जे में हैं ? -  कांग्रेस के और राकांपा के नेताओं के कब्जे में हैं । 

चीनी के कारखानों में क्या उत्पादन होता है ? - चीनी और एल्कोहल दोनों ।

एल्कोहल का उपयोग कहाँ होता है ?-

शराब बनाने के लिए । 

ऐसा ही यह सीधा सा हिसाब है, आया क्या आपके ध्यान में ? 

और मोदी ने इस संबंध को नष्ट कर दिया है, आया कुछ समझ में ? 

अब आया आपको समझ में कि मोदी जी का विरोध क्यों कर रहे हैं  ये भ्रष्टाचारी लोग ?

ध्यान दें पंजाब का किसान अंदोलन,  जिसमें पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए हरे रंग का झंडा फहराया जाता है, खालिस्तानी आतंकवादियों की तस्वीरें लगाकर देश विरोधी नारे लगाए जाते हैं, "इंदिरा गांधी को उड़ा दिया था, मोदी भी उड़ा देंगे......" ऐसे आह्नान किये जा रहे हैं (YouTube पर यह सब देखा जा सकता है ।)

ज्ञानी लोगों को समझ में आता है कि, किसान लोग निश्चित रूप से ऐसा उद्योग नहीं करेगा ! शेष आप स्वयं निर्णय करें ।


अभी तक तो किसान आंदोलन को बदनाम किया जा रहा था कि यह सिर्फ खालिस्तानियों का आंदोलन है।

इस बात को झुठलाने के लिए अब इस आंदोलन में देश भर के बड़े बड़े किसान और उसके संगठन जुड़ गए है। अब इस आंदोलन से देश भर के असली किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए आने लग गए है। अभी तक आप लोग जो इस किसान आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन कह कर बदनाम कर रहे थे वह गलत साबित हो रहा है। देखिए इस आंदोलन में कैसे कैसे धुरंधर किसान शामिल हो रहे है........

पटना से किसान नेता पप्पू यादव पहुंच चुके हैं।

आप पार्टी के सभी किसान नेता जैसे संजय सिंह , गोपाल राय, राघव चड्ढा आदि सब पहले से मौजूद है।

इसके अलावा स्वतंत्र किसान नेता मेघा पाटकर ओर योगेंद्र यादव भी शुरू से सम्मिलित है।

बाकी JNU से युवा किसान नेता कन्हैया कुमार जी अपने नेताओ के संग पहुचने वाले है।

ओर बड़ी खबर ये है की कनाडा से किसी बड़े सरदार किसान नेता ने वीडियो बना कर घोषणा करी है की आंदोलन के लिए 1 मिलियन डॉलर देगे ताकि किसी का ट्रेक्टर जले ट्राली जले ट्रक जले उसे तुरंत वही मुआवजा दिया जा सके और जय खालिस्तान के साथ उन्होंने वीडियो समाप्त किया ।

विशेष बात तो यह है कि,,,

अनाज की जगह बीवियों की खेती करने वाले ईमानदार लोग तो पहले दिन से ही पूर्ण समर्थन में है ।

उधर ऑस्ट्रेलिया से उन्नत कृषि के तरीके सीख कर आए अखिलेश यादव जी अपने किसानों को गाजीपुर बॉर्डर ब्लॉक करने भेज ही चुके है ।

और तो और सुदूर पूर्व से महान किसान नेत्री ममता बैनर्जी जी ने भी अपना पूर्ण नैतिक समर्थन इस आंदोलन को दिया है , वो आ नही सकती क्योंकि वो बंगाल में किसानों की सेवा में समर्पित है ।

और सबसे खास बात ये कि किसानों की चिंता में देश के महान व युवा नेता राहुल जी गांधी तो इतने गमगीन है की गोवा में बैठ कर एकाग्रचिंतन कर अपना पूर्ण मोरल स्पोर्ट पहले ही दिन से दे चुके है ।

और अभी अभी खबर मिली है की उभरते हुवे जोशीले युवा किसान चन्द्रशेखर रावण अपनी युवा किसान भीम सेना के साथ दिल्ली पहुंच चुके है ।

किसान की बेटी और माँ शाहीन बाग की दादी भी अपना समर्थन देने पहुँच गयी।

और इन सब ने मिल कर घोषणा करी है की आंदोलन पूर्णत किसानों का है ओर इसमे कोई राजनीति नही है व किसी भी राजनीतिक नेता को आंदोलन में घुसने नही दिया जाएगा।

इधर देखो ये लाख रु किलो की मशरूम खाने वाला पूंजीपति मोदी कितना अत्याचारी है की इतने बड़े बड़े और गम्भीर किसान नेताओ की बात ही नही सुन रहा।

सुनने में आया है कि बिहार के भी किसानों के नेता श्री तेजस्वी यादव जी अपने पूरे कुनबे के साथ इस आंदोलन में शामिल होने वाले है।

अब देखना है ये कि मोदी जी की टीम इस विकट स्तिथि से कैसे निकल पायेगी।

और हाँ 

इस आंदोलन में पहली बार बिना मूंछों के सरदार किसानों के रूप में देखे गए है। 



यूपी बिहार के किसानों के हज़ारों करोड़ रुपये हर साल लूटने वाले पंजाब के खतरनाक लुटेरे और डकैत अब किसान की नकाब पहन कर दिल्ली में कर रहे हैं दंगा फसाद बवाल.? यह सच भी जानिए...इन खतरनाक लुटेरों द्वारा यूपी बिहार के किसानों की लूट का सच जानने समझने के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि आप पहले इन तथ्यों से परिचित हो जाइए...पंजाब सरकार के कृषि विभाग एवं कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस वर्ष 2019-20 में पंजाब में कुल 22.91 लाख हेक्टेयर में धान बोया गया था और धान की औसत उपज लगभग 6.6 टन प्रति हेक्टेयर रही थी. अर्थात्‌ पंजाब में कुल 15.2 मिलियन टन धान की पैदावार हुई थी. लेकिन आप यह जान कर चौंक जाएंगे कि वर्ष 2019-20 में पंजाब की सरकारी मंडियों में MSP पर कुल 16.38 मिलियन टन धान खरीदा गया. अब आप सोचिए जरा कि लगभग 12 लाख टन अतिरिक्त धान पंजाब की सरकारी मंडियों में MSP पर बिकने के लिए कहां से आया.? हालांकि यह 12 लाख टन की मात्रा भी सही नहीं है क्योंकि यह स्थिति तो तब होगी जब किसान धान का एक एक दाना सरकार को बेच दे. जबकि यह असम्भव है. क्योंकि अपने खाने के लिए, साप्ताहिक ग्रामीण बाजारों में बिकने के लिए तथा राइस मिलों को भी किसान अपना धान सीधे बेच देता है. जाहिर सी बात है कि कम से कम, लगभग 20 से 25 लाख टन धान पंजाब के बाहर यूपी और बिहार के किसानों से बहुत सस्ते दामों पर लाकर पंजाब की सरकारी मंडियों में बेच दिया जाता है. यह कोई यह हवा हवाई बातेँ अनुमान या दावा नहीं है. इसी वर्ष 20 अक्टूबर को पंजाब के बाहर से लाए जा रहे 822 टन धान से लदे 32 ट्रक पुलिस द्वारा पटियाला में पकड़े गए थे. हालांकि यह कार्रवाई एक दिखावा मात्र ही थी ताकि सरकार पर उंगली ना उठ सके. जहां 20-25 लाख टन बाहर से लाकर पंजाब की सरकारी मंडियों में बेचा जा रहा हो वहां केवल 822 टन धान की धर पकड़ को दिखावा मात्र ही कहा जाएगा.  यूपी बिहार से ट्रक पर लाद कर लाने का खर्च और फिर उसपर इन दलालों का मोटा मुनाफा अगर जोड़ लिया जाए तो आप खुद अनुमान लगा लीजिए कि यूपी बिहार के किसानों से ये दलाल कितने कम मूल्य पर धान और गेंहूं की खरीदारी करते रहे हैं. ध्यान रहे कि ये दलाल यही खेल गेंहूं के साथ भी करते हैं. यही कारण है कि सरकारी मंडियों में धान और गेंहूं की सरकारी खरीद का FCI का 60-65 % कोटा पंजाब से ही पूरा हो जाता है. शेष देश विशेषकर यूपी बिहार का किसान खाली बैठा रह जाता है. यह केवल इसी वर्ष की कहानी नहीं है. 2017-18 में पंजाब में 25.19 लाख हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी और प्रति हेक्टेयर औसत उपज 6.5 टन दर्ज की गयी थी. अतः धान की औसत से पैदावार लगभग 16.4 मिलियन टन हुई थी. लेकिन पंजाब की सरकारी मंडियों में धान की खरीद हुई थी 17.95 मिलियन टन धान की. ये लगभग 15.5 लाख टन अतिरिक्त धान पंजाब में कहां से आ गया था.? वह भी तब जब यह मान लिया जाए कि पंजाब के किसानों ने धान की अपनी पैदावार का एक दाना भी ना अपने खाने के लिए रखा हो, ना बाहर कहीं बेचा हो. हालांकि हम सब जानते हैं कि यह असम्भव है. 2018-19 में इस लूट पर कुछ रोक लग पायी थी जब पंजाब में धान की पैदावार लगभग 16. 86मिलियन टन हुई थी और वहां की सरकारी मंडियों में कुल 17.05 लाख टन की खरीद हुई थी. लाखों टन धान की तस्करी कर के पंजाब में MSP के जरिए यूपी बिहार के किसानों के हिस्से के हज़ारों करोड़ रुपये की लूट करने वाले पंजाब के इन डकैतों दलालों की उस लूट और डकैती पर नया कृषि बिल पूर्ण विराम लगाने जा रहा है इसीलिए ये डकैत और दलाल किसान के भेष में दिल्ली में बवाल और दंगा करने पर उतारू हो गए हैं. इनका यह सच पूरे देश में विशेषकर यूपी बिहार के हर किसान तक अपने अपने तरीके से वॉट्सएप फ़ेसबुक के जरिए अवश्य पहुंचाये.


चीन और पाकिस्तान के हमले के खिलाफ तैयार भारत की सेना की कमर को रेल, सड़क और संचार व्यवस्था ध्वस्त कर के पहले ही तोड़ देने की इस देशद्रोही साजिश को जानिए समझिए...

ध्यान से पढ़िए...

देश और दिल्ली से जम्मू-कश्मीर को जोड़ने वाले सड़क व रेल मार्ग को तथाकथित किसान आंदोलन की आड़ में जाम कर के बैठे गुंडे कोई किसान नहीं बल्कि भारत विरोधी गैंग के गुंडे और दलाल हैं.

लेह लद्दाख कश्मीर में तैनात लाखों भारतीय सैनिकों की रसद, दवाइयां और उन तक गोला बारूद हथियार की सप्लाई पिछले एक महीने से रेल-सड़क मार्ग जाम कर के इन देशद्रोही गुंडों ने रोक रखी है.

सरकार फ़िलहाल हवाई जहाज से फौजियों तक यह सामान पहुंचा रही है. लेकिन यह व्यवस्था काम चलाऊ है. सीमा पर तैनात लाखों सैनिकों के लिए यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है. लेकिन इन देशद्रोही गुंडों ने अब जियो के लगभग डेढ़ हजार मोबाइल टॉवर ध्वस्त कर दिए हैं और आगे करते जा रहे हैं. यह एक भयानक साजिश है जिसके तहत पाकिस्तान से लगी सीमा वाले पंजाब में संचार व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त किया जा रहा है. पंजाब की कांग्रेसी सरकार इसे खुला समर्थन कर रही है.

भारतीय सेना की रेल-सड़क सम्पर्क और संचार व्यवस्था को पूरी तरह काट कर चीन और पाकिस्तान की तरफ से होने वाले किसी भी हमले की स्थिति में भारतीय सेना को पूरी तरह लाचार और लचर स्थिति में पहुंचा देने की भयानक तैयारी कर रहे हैं ये देशद्रोही गुंडे. क्योंकि नए कृषि कानून और किसान आंदोलन से भारतीय सेना के जवानों या जियो की मोबाइल फोन सर्विस का किसी भी प्रकार का कोई लेना-देना दूर दूर तक नहीं है.

कृपया ये सन्देश देश के हर नागरिक तक पहुंचाने में अपनी पूरी शक्ति और सामर्थ्य झोंक दीजिए. वर्ना बहुत गम्भीर और भयानक परिणाम देश को भोगने पड़ेंगे.

इन देशद्रोही गुंडों को खुलकर अपना समर्थन और सहयोग दे रहे राजनीतिक गिरोहों के इस देशघाती चरित्र और चेहरे के खिलाफ जनता को खुलकर जागरूक करिए.

इन देशद्रोही गुंडों द्वारा मीडिया विशेषकर न्यूजचैनलों के साथ मिलकर किसानों के नाम पर बिछाए गए इस भारत विरोधी इमोशनल ब्लैकमेल के जाल को काटने में लगी हुई है. इसमें हमारा आपका योगदान भी अब बहुत जरूरी हो गया है.


दिलीप आप्टे जी के एक आलेख से इस एंगल पर रोशनी पड़ी कि #किसानबिल के नए फार्म रिफॉर्म की जड़ क्या है और राजनेता इससे क्यों चिंतित हैं? इसे सही ढंग से समझने के लिए इस विश्लेषण को पढ़ें।

नई प्रणाली में, #कृषिउपज के व्यापारियों को #केंद्रीय_प्राधिकरण के साथ अपने PAN के साथ उन्हें पंजीकृत करना होगा।

प्रथम स्तर का लेनदेन जो (किसान और व्यापारी के बीच) जीएसटी प्रणाली के दायरे से बाहर है।

धीरे-धीरे, आगे कृषि व्यापार (हालांकि पंजीकृत व्यापारियों) को जीएसटी प्रणाली में लाया जाएगा। नतीजतन, कृषि उपज की बिक्री और आय सरकार के रिकॉर्ड में मिल जाएगी।

GAME यहाँ से शुरू होगा। किसान तो हमेशा आयकर और जीएसटी प्रणाली से मुक्त रहेंगे। लेकिन जो ट्रेडर्स इन #एग्रीकल्चर प्रोडक्ट को अप-स्ट्रीम बेचते हैं उन्हे जीएसटी और इनकम टैक्स के दायरे  में लाया जाएगा

इसे यहाँ समझने के लिए एक उदाहरण है। अगर #सुप्रियासुले और #चिदंबरम को अपने अंगूर और गोभी को व्यापारियों को क्रमशः 500 करोड़ रुपये में बेचना है, तो उन्हें आयकर से छूट रहेगी, लेकिन उन्हें अपने #आईटीआर में जिस व्यापारी  को माल बेच उसके #PAN को उद्धृत करना होगा।

ट्रेडर को अप-स्ट्रीम में माल को बेचकर अपनी आय पर 500 करोड़ रुपये और #आयकर पर जीएसटी का भुगतान करना होगा।

कल्पना कीजिए कि यदि कोई अंगूर और कोई गोभी है ही नहीं  (सिर्फ भरष्टाचार का पैसा है)तो  स्वाभाविक रूप से, व्यापारी सुप्रिया सुले या चिदंबरम से जीएसटी और आयकर वसूल करेगा!
 इसलिए, सभी सुले,सभी चिदंबरम,सभी भृष्ट नेताओं को, जो कमीशन एजेंट और दलाल हैं, उन्हें अपनी कृषि आय दिखाने के लिए अब एक बड़ी रकम का भुगतान इनकम टैक्स और GST के रूप में भुगतना होगा। ये रकम करोड़ों में नही बल्कि अरबों में है

 ईमानदार किसान, जिनके पास वास्तव में कृषि उपज थी, वे इस दायरे  से मुक्त रहेंगे।

यही इस मामले कि #जड़ है। इसलिए सारे भिर्ष्टाचारी बिलबिला रहे हैं, यदि ये बिल रहा तो उनके भृष्टाचार से कमाए ख़ज़ाने में छेद हो जायेगा।
पंजाब और महाराष्ट्र में कृषिगत भृष्टाचार सबसे ज्यादा है, साथ ही वाड्रा के साम्रज्य का बड़ा हिस्सा हरियाणा में है तो विरोध वहीं से आ रहा है!

यदि कल को अम्बानी अडानी इन किसानों से माल खरीदते भी हैं तो उन्हें उस खरीद पर सरकार को GST और टैक्स देना होगा जो अब तक टैक्स से बचा हुआ था।

अब आप समझ सकते हैं कि सारे #विपक्षी राजनेता #आंदोलनकारियों की भीड़ इकट्ठा करने में इतना भारी धन क्यों खर्च कर रहे हैं।

अगर भारत से भरष्टाचार का चूल मूल खत्म करना है तो सही बिलों के पीछे छुपी #राष्ट्र_निर्माण की मंशा को समझना होगा और समर्थन करना होगा
😇🇮🇳
#FarmersWithModi #FarmersProtest 
#CurruptionFreeBharat

किसानों का आदोलंन को राजनीतिक पार्टीयाओ के द्वारा उग्र बनाया जा रहा है।जिसमें मुख्य विरोधी घटक दल आम आदमी पार्टी,कांग्रेस,वामपंथी Communist, व कुछ किसान संगठन जो इन राजनीतिक पार्टियों से जुड़ी है,शामिल है।किसानों का आंदोलन फार्म ला से भटकर अब देश विरोधी तत्वो द्वारा हाई जैक कर लिया गया है
इस आदोलंन को चलाने की धूरि पंजाब से है।हरियाणा,उत्तर प्रदेश के पश्चिम भाग व राजस्थान के कुछ किसान शामिल है।पहले किसान संगठनो की माँग सिर्फ फार्म ला को हटाने तक सीमित थी।लेकिन अब यह भारतीय उद्योगपतिओ खासकर अंबानी,अडानी व बाबा रामदेव के Product का बहिष्कार करने पर केंद्रित हो गयी हैं।ध्यान रहे भारत में चल रहे मुस्लिम उधोगपतियो व विदेशी कंपनियाँ जैसे नेसले,कोकाकोला जो पंजाब में चल रही है उनके सामान का बहिष्कार करने की कोई माँग नही की गयी हैं।जीयो के 15 मोबाइल टावरो को किसानों के बीच छिपे अराजकता फैलाने वाले तत्वो ने भारी नुकसान पहुँचाया है।कारण समझो।जो Communist बिचारधारा के नेता जैसे सीताराम यचूरी व कांग्रेस के मोदी विरोधी तत्वो की चाल है कि भारतीय सामान का बहिष्कार करवाकर चीन का सामान भारत में बिकता रहे।चीन के साथ बारडर पर चल रही तनातनी के बीच ऐ Anti national elements चाईना की मदद से इस आंदोलन को धार दे रहे हैं।फार्म ला तो बहाना है इनका असली मकसद भारत को आर्थिक रूप से कंगाल करना हैं।कनाडा से भी वहाँ के पंजावियो द्वारा इस आंदोलन को चलाने के लिए फंडिग दी जा रही है।मोदी जी के द्वारा आत्मनिर्भर भारत के कारण आज हमारे भारतीय उधोगपति भारत में ही सामान बना रहे हैं।जो पहले चीन व बाकी देशों से आता था।चीनी सामान का भारतीयों ने बहिष्कार कर दिया जिससे चाईना की आर्थिक खुशहाली की रीड की हड्डी टूट गयी हैं।इसीलिए चीन बोखलाया हुआ है।याद करे कैसे राहूल गाँधी 2008 में चीन से बयापारिक समझोता करके आऐ थे।व कयी बार चीन के राजदूत को मिलकर आऐ।जबकि वह केंद्रीय मंत्रीमंडल में भी नही है।बल्कि हारी हुई कांग्रेस पार्टी का सिर्फ़ सांसद है।चीन से आयात बंद होने के बाद मोदी जी ने Vocal For Local का करोनाकाल में नारा दिया।उसका असर यह हुआ कि चीन से आने वाला सामान आज भारत में बन रहा है।लाखों लोगों को आज भारत में रोजगार मिल रहा हैं।देश का पैसा देश के काम आ रहा है।चीन से आयातित सामान जैसे Ventilators,PP Kits,Sanitizer, Face Mask व कच्चा माल आदि सभी सामान भारत में तैयार हो रहा है।भारत के इस इतिहासिक कदम से चीन की आर्थिक आय धराशायी हो गयी हैं।इसीलिए जो Communist व बामपंथी थे व जिनकी चीन आर्थिक रूप से मदद करता था तो ऐसे Anti national elements की राजनीतिक दुकान भी बंद हो गयी।इसीलिए ऐ देश विरोधी ताकते मोदी जी का विरोध कर रही है।जनता को आगे आकर मोदी जी का समर्थन करना चाहिए।याद करो 2014 से पहले देश में बड़े बड़े घोटाले हुए।देश का पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम भी भारी आर्थिक घोटाले व भ्रष्टाचार में सम्मिलित होने के कारण 105 दिन तिहाड जैल में रहा व अभी जमानत पर है।पंजाब में भी खालीसतान परसती ताकते पाकिस्तान की सह पर इस आंदोलन को हर प्रकार की आर्थिक मदद दे रही है।असली किसान तो खैतो में काम कर रहा है।अगर सही किसान आदोलंन में होते तो आज मार्केट में फल व शबजीयो का अकाल पड जाता।खैर अफवाहो से सावधान रहे।व झूठी अफवाहो को सुनकर भ्रमित न हो।अपना जनाधार खिसकता देखकर व अगले साल राज्यो में होने वाले चुनावो को देखकर विरोधी राजनीतिक पार्टियों के चलाऐ जा रहे  कुचक्रो से बचे।नुकसान तो आम जनता का हो रहा है।मोदी जी का समर्थन करे।भारत की एकता बनाऐ रखे।तभी हमारा देश विकाशसील देशों की पंक्ति में खड़ा होगा।


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